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________________ २ कालए १ नीलगा ३ ३ कालगा ३ नीलए १ ४ कालगा ३ नीलगा ३ ८ इम कृष्ण लाल संघाते एक वचन बहुवचन करिक ४ भांगा हुवै। १२ इम कृष्ण पील संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ४ भांगा हुवै । १६ इम कृष्ण सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ४ भांगा हुवै। २० इम नील लाल संघाते एक वचन बहु वचन करिक ४ भांगा हुवे । २४ इम नील पील संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ४ भांगा हुवै। २८. इम नील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिक ४ भांगा हुवे। ३२ इम लाल पील संघाते एक वचन बहुवचन करिक ४ भांगा हुवै। ३६ इम लाल सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिक ४ भांगा हुवै। ४० इम पील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिक ४ भांगा हुवं । त्रिकसंयोगे भांगा ४० ते कहै छ१ कालए १ नीलए १ लोहियए १ २ कालए १ नीलए १ लोहियगा ३ ३ कालए १ नीलगा ३ लोहियए १ ४ कालगा ३ नीलए १ लोहियए १ ८ इम कृष्ण नील पील संघाते एक वचन बहुवचन करिक ४ भांगा हुवै। १२ इम कृष्ण नील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिक ४ भांगा हुदै । १६. इम कृष्ण लाल पील संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ४ भांगा हुदै । २० इम कृष्ण लाल सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिक ४ भांगा हुवै। २४ इम कृष्ण पील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिक ४ भांगा हुवै। २८ इम नील लाल पील संघाते एक वचन बहुवचन करिक ४ भांगा हुवै। ३२ इम नील लाल सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिक ४ भांगा हुवै। ३६ इम नील पील सुक्किल संघाते एक वचन बहुवचन करिकै ४ भांगा हुदै । श०२०, उ० ५, ढा०४०२ २७३ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003621
Book TitleBhagavati Jod 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages422
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size21 MB
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