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१५. जइ एगवणे ? सिय कालए जाव सिय सुक्किलए।
१६. जइ दुवण्णे ? १. सिय कालए य नीलए य,
१७. २. सिय कालए य लोहितए य, ३. सिय कालए य
हालिद्दए य, ४. सिय कालए य सुक्किलए य, १८. ५. सिय नीलए य लोहियए य, ६. सिय नीलए
य हालिद्दए य, ७. सिय नीलए य सुक्किलए य, १९. ८. सिय लोहियए य हालिद्दए य, ९. सिय लोहियए ___ य सुक्किलए य, २०. १०. सिय हालिद्दए य सुक्किलए य, एवं एए
दुयासंजोगे दस भंगा।
२१. जइ एगगंधे ? सिय सुब्भिगंधे, सिय दुब्भिगंधे ।
१४. जाव शब्द में एह, आग सूत्र विषेज छै।
कदा फर्श चिहुं लेह, तिणसू इहां कह्यो नथी।
इकयोगिक वर्ण नां ५ भांगा१५. *जो एक वर्ण हुवै सोय, तो कदा कृष्ण वर्ण अवलोय ।
जाव कदाचित शुक्ल वर्ण संच, इकयोगिक वर्ण नां पंच ।।
द्विकयोगिक वर्ण नां १० भांगा१६. जो वर्ण हतिण में दोय, तो कदा कृष्ण अने नील होय ।
एक प्रदेश ह तसु कालो, एक प्रदेश नील निहालो ।। १७. कदाचित कालो ने लाल, कदा कृष्ण अनैं पीलो भाल ।
कदा कृष्ण अने शुक्ल धार, कृष्ण थी द्विकयोगिक च्यार ।। १८. कदा नील अने वलि लाल, कदा नील नैं पीलो भाल ।
कदा नील ने शुक्ल सुचीन, नील वर्ण ते भांगा तीन ।। १९. कदा एक लाल एक पीत, कदा लाल ने शुक्ल संगीत ।
लाल वर्ण थकी अवलोय, द्विकयोगिक भांगा दोय ।। २०. कदा पीलो नै शुक्ल संपेख, पीत वर्ण थी भांगो है एक ।
द्विकयोगिक ए दश भंग, कह्या पंच वर्ण नां सुचंग ।।
गंध ना २ भांगा२१. जो बिहुँ में गंध व एक, तो कदा दोनूं सुगंध संपेख ।
कदा दोन दुर्गंधज होय, इकयोगिक गंध नां दोय ।।
द्विकयोगिक गंध नों १ भागो२२. जो दोय गंध तिणमें होय, तो एक प्रदेश सुगंध जोय ।
एक प्रदेश दुर्गंध देख, त्रिण भांगा ए गंध नां पेख ।।
रस ना १५ भांगा ... २३. रस नां वर्ण नी पर संच, इकयोगिक भांगा पंच।
द्विकयोगिक दश अवलोय, कहिवा सर्व विचारी जोय ॥
फर्श नां ९ भांगा - २४. जो फर्श हव तिण में दोय, तो कदा शीत अने निद्ध होय।
इम जिम परमाणु विषेह, च्यार भंग कह्या तिम लेह ।। २५. च्यारूं जुजुआ कहियै सोय, धुर शीत अने निद्ध होय ।
विषम गुण निद्ध करि बंध तास, बिहुं प्रदेशे शीत विमास ।। २६. कदा शीत अने लुक्ष होय, विषम गुण लुक्ष करि बंध जोय ।
बिह प्रदेश शीत विचार, ए द्वितीय भंग अवधार ।। २७. कदा उष्ण अर्ने निद्ध होय, विषम गुण निद्ध करि बंध जोय ।
बिहु प्रदेश उष्णज फास, ए तृतीय भंग सुविमास ।। २८. कदा उष्ण अनै लुक्ष होय. विषम गुण लक्ष करि बंध जोय।
बिहं प्रदेश उष्णज अंग, दोय फर्श नां ए चिहं भंग ।।
तीन फर्श ना भांगा-- २९. जो तीन फर्श तिण में होय, तो सर्व शीत अवलोय ।
एक प्रदेश ते देश निद्ध, एक प्रदेश लूक्ष प्रसिद्ध ।। *लय : म्हारी सासू रो नाम छै फूली
२२. जइ दुगंधे ? सुन्भिगंधे य दुन्भिगंधे य ।
२३. रसेसु जहा वण्णेसु ।
२४. जइ दुफासे ? १. सिय सीए य निद्धे य, एवं जहेब
परमाणुपोग्गले ४ ।
२९. जइ तिफासे? १. सब्वे सोए देसे निद्धे देसे लक्खे,
२५८ भगवती जोड़
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