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________________ अष्टधा-- ७८ नवधा- ८६ दशधा- १०० संख्यातधा-१२ असंख्यातधा-१ एवं सर्व-५१७ ७४. प्रभ ! अनंत परमाण एकठा, मिलियां थकां स्यूं संध हो, प्रभुजी ! ७४. अणंता णं भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति, था जिन भाखै गोयमा! हवे अनंतप्रदेशिक खंध हो, गोतम ! साहण्णित्ता कि भवइ? गोयमा ! अणंतपएसिए खंधे भवइ। ७५. ते खंध भेदीजतां थकां, बे त्रिण भागे जोय हो, गोतम ! ७५. से भिज्जमाणे दुहा वि तिहा वि जाव दसहा वि जाव दश संख असंख ही, अनंत भागे पिण होय हो, गोतम! संखेज्जहा वि असंखेज्जहा वि अणंतहा वि कज्जइ दो भाग स्यूं १३ विकल्प७६. बिलं भागे करतां थकां, परमाण एक पास हो, गोतम ! ७६. दहा कज्जमाणे गयो इक पासे अनंत प्रदेशियो खंध हुवै छै तास हो, गोतम ! अणंतपएसिए खंधे भवइ । ७७. एवं जाव तथा तस्, अनंत प्रदेशिक खंध हो, गोतम ! ७७. जाव अहवा दो अणंतपएसिया खंधा भवति । ___ दोय हुवै छै तेहना, तेर भंगा इम संध हो, गोतम ! तीन भाग स्यू २५ विकल्पतीने भागे करतां थकां, एक पास परमाणु दोय हो, गोतम ! ७८. तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणपोग्गला, एगयो इक पास अनंत प्रदेशियो खंध हुवै छै सोय हो, गोतम ! अणंतपएसिए खंधे भवइ। ७६ अथवा इक पास परमाणओ, द्विप्रदेशिक इक पास हो, गोतम ! ५९. अरवा एगो Trimum इक पास अनंत प्रदेशियो खंध हुवै छै तास हो, गोतम ! ५०. यावत एक पासे तथा, परमाणु पुद्गल तास हो, गोतम ! ८०. जाव अह्वा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ इक पास असंख प्रदेशियो, अनंत प्रदेशिक इक पास हो, गोतम! असखेज्जपएसिए खंधे, एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ । ८१. अथवा इक पास परमाणओ, एक पास वलि सोय हो, गोतम ! ८१. अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दो अणंत खंध अनंत प्रदेशिया, ते पिण ह तसू दोय हो, गोतम ! पएसिया खंधा भवति । २. अथवा एक पासे तसू, द्वि प्रदेशिक खंध होय हो, गोतम ! ८२. अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ दो अणंतइक पासे अनंत प्रदेशिया खंध ह तसु दोय हो, गोतम ! पएसिया खंधा भवति । ८३. इम यावत एक पासे तसू, दश प्रदेशिक खध होय हो, गोतम! ८३. एवं जाब अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे, एगयओ इक पासे अनंत प्रदेशिया खंध ह तसु दोय हो, गोतम ! दो अणंतपएसिया खंधा भवति । ८४. अथवा एक पासे तसु, संखेज प्रदेशिक होय से तसु, सखेज प्रदाशक हाय हा, गातम ! हो, गोतम ! ८४. अहवा एगयो संखेज्जपएसिए खंधे, एगयओ दो इक पास अनंत प्रदेशिया खंध हवै छै दोय हो, गोतम ! अणंतपएसिया खंधा भवति । ८५. अथवा एक पासे तसु, खंध असंख प्रदेशिक होय हो, गोतम ! ८५. अहवा एगयओ असंखेज्जपएसिए खंधे, एगयओ दो इक पास अनंत प्रदेशिया खंध हुवे छ दोय हो, गोतम! अगंतपएसिया खंधा भवंति । ८६. अथवा अनंत प्रदेशिया खंध हवे तसु तीन हो, गोतम! ८६. अहवा तिणि अणंतपएसिया खंधा भवति । तोन भागे हुवै तेहनां, पंचबोस भंग चीन हो, गोतम ! च्यार भाग स्यूं ३७ विकल्प८७. च्यारे भागे करतां थकां, त्रिण परमाणु इक पास हो, गोतम! ८७. चउहा कज्जमाणे एगयओ तिण्णि परमाणुपोग्गला, इक पास अनंत प्रदेशियो खंध हवै छै तास हो, गोतम ! एगयओ अणंतपएसिए खंधे भवइ । श० १२, उ० ४, ढा० २५५ ३६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003620
Book TitleBhagavati Jod 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages460
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size24 MB
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