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________________ ३०. अथवा इक पास परमाणुओ, द्विप्रदेशिक इक पास हो, गोतम! ३०. अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए. इक पास संख्यात प्रदेशिया खंध हवै बे तास हो, गोतम ! खंधे, एगयओ दो सखेज्जपएसिया खंधा भवति । ३१. इम जाब इक पास परमाणओ, दश प्रदेशिक इक पास हो, गोतम! ३१. जाव अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ इक पास संख्यात प्रदेशिया खंध हवे बेतास हो, गोतम! दसपएसिए खंधे, एगयो दो संखेज्जपएसिया खंधा भवंति । ३२. अथवा एक पासे तस्, परमाणु पुद्गल होय हो, गोतम! ३२. अहवा एगयो परमाणुपोग्गले, एगयओ तिण्णि इक पास संख्यात प्रदेशिया खंध तीन हुवै सोय हो, गोतम ! संखेज्जपएसिया खंधा भवंति । ३३. अथवा एक पासे हवै, दोय प्रदेशिक खंध हो, गोतम ! ६३. अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ तिण्णि इक पास संख्यात प्रदेशिया, तीन खंध तसु संघ हो, गोतम! संखेज्जपएसिया खंधा भवंति। ३४. इम यावत एक पासे तथा, दश प्रदेशिक खंध होय हो, गोतम ! ३४. जाव अहवा एगयओ दसपएसिए खधे, एगयओ इक पास संख्यात प्रदेशिया, तीन खंध हवै सोय हो, गोतम ! तिण्णि संखेज्जपएसिया खंधा भवंति । ३५. अथवा संख्यात प्रदेशिया, खंध ह च्यार जगीस हो, गोतम! ३५. अहवा चत्तारि संखेज्जपएसिया खंधा भवति । च्यारे भागे हुवै तेहनां, भंग क ह्या इकतीस हो, गोतम ! पांच भाग स्यूं नौ भाग तक क्रमशः ४१, ५१, ६१, ७१ और ८१ विकल्प३६. इम इण अनुक्रमे करी, पंच संयोगिक पेख हो, गोतम ! ३६-३८. एवं एएणं कमेणं पंचग गंजोगो विभाणियब्बो एक चालीस भांगा तसु, करिवा विधि सुविशेख हो, गोतम ! जाव नवगसंजोगो। ३७. षट भागे हुवै तेहनां, भंग एकावन सोय हो, गोतम ! सप्त भागे हुवै जेहना, इकसठ भांगा होय हो, गोतम ! ३८. आठे भागे हुवै तसु, एकोत्तर अवधार हो, गोतम ! नव भागे हवै तेहनां, भंग इक्यासी विचार हो, गोतम ! दस भाग स्यूं ९१ विकल्प३६. दश भागे हुवै तेहनां, विकल्प एकाणं थाय हो, गोतम ! ते इह रीत कहीजिय, सांभलज्यो चित ल्याय हो, गोतम ! ४०. इक पासे नव परमाणुआ, फुन इक पासे पेख हो, गोतम ! ४०. दसहा कज्जमाणे एगयओ नव परमाणुपोग्गला, खंध संख्यात प्रदेशियो, ए धुर विकल्प पेख हो, गोतम ! एगयओ संखेज्जपएसिए खधे भवइ । ४१. तथा इक पासे अष्ट परमाणु, द्विप्रदेशिक इक पास हो, गोतम ! ४१. अहवा एगयओ अट्ठ परमाणुपोग्गला, एगयओ इक पासे संख प्रदेशियो, विकल्प द्वितीय विमास हो, गोतम ! दुपएसिए, एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ । ४२. इम इण अनुक्रमे करी, एक-एक अवलोय हा, गोतम ! पूरवो अधिक संचारवो, करवा विचारी सोय हो, गोतम ! ४३. जावत अथवा जाणवो, दश प्रदेशिक एक पास हो, गोतम ! ४३. जाव अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे, एगयओ नव एक पासे संख आखिया, खंध कह्या नव तास हो, गोतम ! संखेज्जपएसिया खंधा भवंति । ४४. अथवा दशं ही लीजिय, संख प्रदेशिक खंध हो, गोतम ! ४४. अहवा दससंखेज्जपएसिया खंधा भवंति । दश भागे करै तेहनां, भांगो एकाणुमो संध हो, गोतम ! ४५. दश भागे हवे तेहनां कह्या, भंग एकाणु एह हो, गोतम ! ४५. दशधात्वे ९१ संख्यातभेदत्वे त्वेक एव विकल्पः। संख्याते भागे तसु, भांगो एकज लेह हो, गोतम ! ४६. संख्यात प्रदेशिक खंध नां, च्यार सौ साठ ए भंग हो, गोतम ! छेहलो भांगो तेहनों, करिवो एम प्रसंग हो, गोतम ! ४७. भाग संख्यात करतां थकां, परमाणु संख्याता होय हो, गोतम! ४७. संखेज्जहा कज्जमाणे संखेज्जा परमाणुपोग्गला संख्यात प्रदेशिया खंध नों, वर्णन आख्यो सोय हो, गोतम ! भवति । (श० १२६७८) सख्यात प्रतिसु, भांग भग एकाण ३४ भगवती जोड़ dain Education Intermational Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003620
Book TitleBhagavati Jod 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages460
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size24 MB
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