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जाव अहवा चत्तारि सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा।
११-२४. एवं एक्केक्काए समं चारेयवाओ जाव अहवा
चत्तारि तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा ।
६. अथवा त्रिण सक्कर मझे, वालुप्रभा में दोय ।
जाव तथा त्रिण सक्करे, दोय तमतमा होय ।। १०. तथा जीव चिहं सक्करे, वालुप्रभा में एक ।
जाव तथा चिहुं सक्करे, एक तमतमा पेख ॥
हिवं वालु थी ४ भांगा ४ विकल्प करि १६ भांगा कहै छ११. तथा जीव इक वालुका, च्यार पंक में जाय ।
जाव तथा इक वालुका, च्यार तमतमा पाय ॥ १२. तथा जीव बे वालुका, तीन पंक में जाण ।
जाव तथा बे वालुका, तीन तमतमा आण ।। १३. तथा जीव त्रिण वालुका, दोय पंक उपजंत ।
जाव तथा त्रिण वालुका, दोय सप्तमी हंत ॥ १४. तथा जीव चिहुं वालुका, एक पंक में होय ।
जाव तथा चिहुं वालुका, एक तमतमा जोय ।।
हिवं पंक थी ३ भांगा ४ विकल्प करि १२ भांगा कहै छ१५. तथा जीव इक पंक में, च्यार धम रै माय ।
जाव तथा इक पंक में, च्यार तमतमा पाय । १६. तथा जीव बे पंक में, तीन धूम उपजत ।
जाव तथा बे पंक में, तीन तमतमा हंत ॥ १७. तथा जीव त्रिण पंक में, दोय धम में देख ।
जाव तथा त्रिण पंक में, दोय तमतमा पेख ।। १८. तथा जीव चिहुं पंक में, एक धूम रै मांय ।
जाव तथा चिहं पंक में, एक तमतमा पाय ॥
हिवं धूम थी २ भांगा ४ विकल्प करि ८ भांगा कहै छ१६. तथा जीव इक धुम में, च्यार तमा पहिछाण ।
तथा जीव इक धम में, च्यार तमतमा जाण । २०. तथा जीव बे धूम में, तीन तमा में ताम।
तथा जीव बे धूम में, तीन तमतमा पाम ।। २१. तथा जीव त्रिण धूम में, दोय तमा में होय ।
तथा जीव त्रिण धुम में, दोय तमतमा जोय । २२. तथा जीव चिहुं धूम में, एक तमा रै माय ।
तथा जीव चिहुं धूम में, एक तमतमा पाय ॥
हिवं तम थी १ भांगो ४ विकल्प करि ४ भांगा कहै छ--- २३. तथा जीव इक तम छठी, च्यार तमतमा देख ।
तथा जीव बे तम छठी, तीन तमतमा पेख । २४. तथा जीव त्रिण तम छठी, दोय तमतमा जंत ।
तथा जीव चिहं तम छठी, एक तमतमा हंत । २५. पंच जीव द्विकयोगिका, विकल्प तेहनां च्यार ।
भांगा चउरासी भला, भणवा करि विस्तार ।।
२५. विकसंयोगे तु चतुरशीतिः
(वृ०प० ४४४)
७० भगवती-जोड़
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