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हिवं रत्न धूम थी तीज विकल्प करि बे भांगा कहै छ४६. अथवा दोय रत्न इक धूमा, एक तमा तिण पाई।
अथवा दोय रत्न इक धमा, एक तमतमा मांही ।। हिवै रत्न तमा थी एक भांगो हुवे ते तीन विकल्प करि तीन भांगा कहै
४७. अथवा एक रत्न इक तमा, दोय तमतमा मांही।
रत्न तमा थी धुर विकल्प करि, इम इक भंगो थाई॥ ४८ अथवा एक रत्न दो तमा, एक तमतमा मांही।
रत्न तमा थी इम इक भंगो, द्वितीय विकल्प थाई। ४६. अथवा दोय रत्न इक तमा, एक तमतमा मांही।
रत्न तमा थी इम इक भंगो, तृतीय विकल्प थाई ।। ५०. रत्न सक्कर थी पंच कह्या भंग, रत्न वाल थी च्यारो।
रत्न पंक थी त्रिण भंग आख्या, वारू करि विस्तारो॥ ५१. रत्न धूम थी बे भंग आख्या, रत्न तमा थी एको।
रत्न थकी इक-इक विकल्प नां, पनर-पनर भंग पेखो। ५२. च्यार जीव नां त्रिकसंयोगिक, विकल्प तेहनां तीनो।
त्रिगुणा कीधे भंग रत्न थी, पैंतालीस प्रवीनो॥ इम सक्कर थी इक-इक विकल्प नां दश-दश भांगा हुवे, तेहनी आमना
कहै छ५३. इम सक्कर थी दश भांगा ह, सक्कर वाल थी च्यारो।
सक्कर पंक थी तीन हुवै भंग, सक्कर धूम बे सारो॥ ५४. सक्कर तमा थी इक भांगो ह, सक्कर थकी दश एहो।
इक-इक विकल्प नां ए करिवा, दश-दश भांगा तेहो। ५५. च्यार जीव नां त्रिक संजोगिक, त्रिण विकल्प रै न्यायो।
त्रिगुणा कीधां सक्कर थी ए भांगा तीस कहायो । हिवै वालुका थी इक-इक विकल्प नां षट-षट भांगा हुवै, तेहनी आमना कहै
५६. हिवै वालुका थी षट भंगा, वालु पंक थी तीनो।
वाल धूम थकी बे भंगा, वाल तमा इक चीनो। ५७. इक-इक विकल्प नां ए षट-षट, वाल थकी विचारो।
त्रिण विकल्प करि त्रिगुणा कीधां, भांगा हुवै अठारो। हिवं पंक थी इक-इक विकल्प करि तीन-तीन भांगा हुवे, तेहनी आमना
कहै छ५८. पंक धूम थी बे भांगा है, पंक तमा थी एको।
इक-इक विकल्पे त्रिण-त्रिण भांगा, पंक थकी नव पेखो। हिवं धूम थी एक-एक विकल्प करि एक-एक भांगी हुवै तेहनी आमना कहै
५६. धूम तमा तमतमा भंग इक, त्रिण विकल्प करि चंगा।
इक-इक भांगो एहनो ह छै, धूम थकी त्रिण भंगा ।।
श०६, उ० ३२, ढाल १७७ ५५
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