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६६ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालु
यप्पभाए होज्जा। ७०. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे पंक
प्पभाए होज्जा। ७१-७३ जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए
एगे अहेसत्तमाए होज्जा।
हिवै रत्न प्रभा थी १५, सक्कर प्रभा थी १०, वालु थी ६, पंक थी ३, धम थी २ एवं ३५ । तिणमें रत्न सक्कर थी पांच भांगा कहै छै ६६. गंगेया! तथा रत्न में एक, एक सक्कर ला ।
गंगेया ! एक वालुका पेख, प्रथम भंगो कह्य ।। ७०. गंगेया! तथा रत्न में एक, एक सक्कर मही।
गंगेया ! एक पंक में देख, भंग दूजो सही। ७१. गंगेया! तथा रत्न में एक, एक सक्कर विषे।
गंगेया! एक धम संपेख, भंग तीजो अखे । ७२. गंगेया! तथा रत्न में एक, एक सक्कर मझे।
गंगेया ! एक तमा सुविशेख, भंग चउथो सझै ।। ७३. गंगेया! तथा रत्न में एक, एक सक्कर लहै। गंगेया ! एक तमतमा देख, भंग पंचम कहै ।।
हिवै रत्न वालुय थी च्यार भांगा कहै छै ७४. गंगेया! तथा रत्न में एक, एक वालुय मिली।
गंगेया! एक पंक में पेख, भंग छट्टो वली ॥ ७५. गंगेया ! तथा रत्न में एक, एक वालुय लह्यो।
गंगेया! एक धूम में देख, भंग सप्तम कह्यो। ७६. गंगेया ! तथा रत्न में एक, एक वालुय रसै ।
गंगेया ! एक तमा संपेख, भंग अष्टम लसै ।। ७७. गंगेया! तथा रत्न में एक, एक वालुय भयो। गंगेया! एक तमतमा पेख, भंग नवमो कह्यो।
हिवै रत्न पंक थी तीन भांगा कहै छै ७८. गंगेया! तथा रत्न में एक, एक पंके गयो।
गंगेया! एक धम सूविशख, भंग दशमो कह्यो। ७६. गंगेया! तथा रत्न में एक, एक पंके वही।
गंगेया! एक तमा सुविशेख, भंग ग्यारम सही। ८०. गंगेया! तथा रत्न में एक, एक पंके मिली। गंगेया! एक तमतमा देख, भंग बारम वली।
हिवं रत्न धूम थी दोय भांगा कहै छै ५१. गंगेया! तथा रत्न में एक, एक धूमा मही।
गंगेया! एक तमा संपेख, भंग तेरम सही। ८२. गंगेया! तथा रत्न में एक, एक धूमा विषे । गंगेया! एक तमतमा देख, भंग चवदम पखे ।
हिवै रत्न तम थी एक भांगो कहै छै ८३. गंगेया! तथा रत्न में एक, एक तमा गिण्यं ।
गंगेया! एक तमतमा पेख, भंग पनरम भण्यं ।।
७४. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंक
प्पभाए होज्जा ७५. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे धूम
प्पभाए होजा ७६-७७. एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्प
भाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा ।
७८. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्प
भाए होज्जा। ७९-८०. जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे
अहेसत्तमाए होज्जा।
८१. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए
होज्जा ८२. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्त
माए होज्जा
८३. अहवा एगे रयणप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए
होज्जा
हिवै सक्कर सं दश भांगा तिण में प्रथम सक्कर वाल्य थी च्यार भांगा कहै छै
४४ भगवती-जोड़
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