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________________ ए बे विकल्प करि पूर्वे १० भांगा कह्या, ते कीधे छते २० भांगा हुदै । हिवं तीन जीव नां त्रिकसंजोगिक नो विकल्प १ भांगा १०१.१ एकेंद्री १ बेंद्रि १ तेंद्रिय में २. १ एकेंद्री १ बेंद्रि १ चउरिद्रिय ३. १ एकेंद्री १ बेंद्रि १ पंचेंद्रिय में ४. १ एकेंद्री १ तेंद्रि १ चउरिद्रि में ५. १ एकेंद्री १ तेंद्रि १ पंचेंद्री में ६. १ एकेंद्री १ चरिद्री १ पंचेंद्री में ७.१ बेंद्रि १ तेंद्रि १ चरिंद्री में ८.१ बेंद्रि १ तेंद्रि१पंचेंद्री में ६. १ बेंद्रि १ चउरिद्रिय १ पंचेंद्री में १०.१ तेंद्रि १ चउरिंद्री १ पंचेंद्री में । हिवै च्यार जीव तिर्यंच में जाय तेहनां इकसंयोगिक विकल्प १ भांगा ५ पूर्व कह्या तिम करिवा। चउक्कसंजोगिक नों विकल्प १ भांगा ५, ते कहै छै१.१ एकेंद्री, १ बेंद्रि, १ तेंद्रि, १ चरिंद्रि २. १ एकेंद्री, १ बेंद्रि, १ तेंद्रि, १ पंचेंद्री ३.१ एकेंद्री, १ बेंद्रि, १ चउरिद्रि, १ पंचेंद्री ४. १ एकेंद्री, १ तेंद्रि, १ चउरिद्रि, १ पंचेंद्री ५. १ बेंद्री, १ तेंद्रि, १ चउरिद्रि, १ पंचेंद्री हिवै पांच जीव एकेंद्रिय में ऊपज तेहनां इकसंयोगिक विकल्प १ भांगा ५ द्विकसंयोगिक नां विकल्प ४ भांगा ४० त्रिकसंयोगिक नां विकल्प ६ भांगा ६० चउक्कसंयोगिक नां विकल्प ४ भांगा ३० पंचसंयोगिक नो विकल्प १ भांगो १ इम छ जीव प्रमुख असंख्याता जीव नां पूर्वे कह्या तिण रीते विकल्प करि जेतला भांगा हुवै तेतला भणिवा । तीन जीव नां द्विक संयोगिक विकल्प २-१२,२१ च्यार जीव नां द्विक संयोगिक विकल्प ३-१३,२२,३१ त्रिक संयोगिक विकल्प ३–११२,१२१,२११ पंच जीव नां द्विक संयोगिक विकल्प ४-१४,२३,३२,४१ त्रिक संयोगिक विकल्प ६-११३,१२२,२१२,१३१,२२१,३११ चउक्क संयोगिक विकल्प ४–१११२,११२१,१२११,२१११ २३. तीन आदि जीवां नां भांगा, जाव असंखिज्ज जीवा । ते प्रवेशन नो नारकि जिम, नाना भंग कहीवा ।। २४. उत्कृष्ट पदे तिर्यंच में उपजै, तेह प्रश्न हिव कीधं । जिन कहै सर्व एकेंद्रि में उपजै, इकयोगिक ए लीधं ।। सोरठा २५. एकेंद्रिय बहु जाण, समय समय उत्पत्ति थकी। उत्कृष्ट पदे पहिछाण, सहु एकेंद्री में हवै। *लय : रूड़े चन्द नीहाल रे २४. उक्कोसा भंते ! तिरिक्खजोणिया तिरिक्खजोणिय पवेसणएणं--पुच्छा। गंगेया ! सव्वे वि ताव एगिदिएसु होज्जा, एकेन्द्रियाणामतिबहूनामनुसमयमुत्पादात् (वृ०प०४५१) २१२ भगवती-जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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