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________________ ५०. १० रत्न, संख सवकर, संख वालु, संख पंक, संख धूम, संख तम ए ५० मों विकल्प | ५१. संख रत्न, संख सक्कर, संख वालु, संख पंक, संख धूम, संख तम ए ५१ मों विकल्प | ए संख्यात जीवां रा छसंजोगिया ५१ विकल्प, अनं एक-एक विकल्प नां सात-सात भांगा हुवै, ते माटै ५१ नैं सात गुणां कीधे छते ३५७ भांगा हुवै । संख्याता जीव नरक में जाय तेहनां सातसंजोगिया विकल्प आमना लिखिये छै ६१ तेहनीं १. १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, १ धूम, १ तम, संख सप्तमी, ए प्रथम विकल्प । २. १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, १ धूम, २ तम, संख सप्तमी, ए द्वितीय विकल्प । इम तम में अनुक्रमे दश तांइ एक-एक वधारतां दसमों विकल्प१०. १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, १ धूम, १० तम, संख सप्तमीं ए १० मों विकल्प | ११. १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, १ धूम, संख तम, संख सप्तमी, ए ११ मों विकल्प | १२. १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, २ धूम, संख तम, संख सप्तमी, ए १२ मों विकल्प | इम धूम में अनुक्रमे दश तांइ एक-एक वधारतां बीसमों विकल्प २०. १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, १० धूम, संख तम, संख सप्तमीं ए २० मों विकल्प । २१. १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, संख धूम, संख तम, संख सप्तमी, ए २१ मों विकल्प | २२. १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु २ पंक, संख धूम, संख तम, संख सप्तमी, ए २२ मों विकल्प | इम पंक में अनुक्रमे दश तांइ एक-एक वधारतां तीसमों विकल्प ३०. १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, १० पंक, संख धूम, संख तम, संख सप्तमी, ए ३० मों विकल्प । ३१. १ रत्न, १ सक्कर, १ वालु, संख पंक, संख धूम, संख तम, संख सप्तमी ए ३१ मों विकल्प | ३२. १ रत्न, १ सक्कर, २ वालु, संख पंक, संख ३२ मों विकल्प । इम वालुक में अनुक्रमे चालीसमों विकल्प - धूम, संख तम, संख सप्तमी ए दश तांइ एक-एक वधारतां ४०. १ रत्न, १ सक्कर, १० वालु, संख पंक, संख धूम, संख तम, संख सप्तमीं ए ४० मो विकल्प | ४१. १ रत्न, १ सक्कर, संख वालु, संख पंक, संख धूम, संख तम, संख सप्तमी ए ४१ मों विकल्प । ४२. १ रत्न, २ सक्कर, संख वालु, संख पंक, संख धूम, संख तम, संख सप्तमी, ए ४२ मों विकल्प । इम सक्कर में अनुक्रमे दश तांइ एक-एक वधारतां पचासमों विकल्प ५०. १ रत्न, १० सक्कर, संख वालु, संख पंक, संख धूम, संख तम, संख सप्तमी, ए ५० मों विकल्प । १६८ भगवती जोड़ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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