SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 184
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ हिवै सक्कर थी द्वितीय भांगो ५ विकल्प करि कहै छै तिणमें छठी नरक टली । ८१ ८२ ८३ ८४ ८५ ८६ ८७ ८८ ८६ ६० ६१ २ ६३ १ हरीत भांग विकल करि कतिप ५ पंचमी नरक टली । ६४ २ ६५ ३ ४ ५ १ २ ४ ५ १ २ ३ १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, १ धूम २ सप्तमी ३ | १ सक्कर, १ वालु, २ पंक, १ तम, १ सप्तम हि सक्कर थी चतुर्थ भांगो ५ विकल्प करि कहै छै तिनमें चोथी नरक टली । ४ १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, २ धूम, १ सप्तमी ५ १ सक्कर, १ वालु, २ पंक, १ धूम, १ सप्तमी १ सक्कर, २ वालु, १ पंक, १ धूम, १ सप्तमी २ सक्कर, १ वालु, १ पंक, १ धूम, १ सप्तमी १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, १ तम, २ सप्तमी १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, २ तम, १ सप्तमीं १ सक्कर, २ वालु, १ पंक, १ तम, १ सप्तमी २ सक्कर, १ वालु, १ पंक, १ तम, १ सप्तमों १ सक्कर, १ वालु, १ धूम, १ तम २ सप्तमीं १ सक्कर, १ लु १ धूम, २ तम १ सप्तमीं १ सक्कर, १ वालु २ घूम, १ तम, १ सप्तमी Jain Education International १ सक्कर, २ वालु, १ धूम, १ तम, १ सप्तमीं २ सक्कर, १ वालु, १ धूम, १ तम १ सप्तमीं १६ भगवती-जोह हिवँ सक्कर थी पंचमो भांगो ५ विकल्प करि कहै छै तिणमें तीजी नरक टली । ६६ ६७ ६८ ६६ १०० १०४ १०५ १ २ १ सक्कर, २ पंक, १ धूम, १ तम, १ सप्तमी ५ २ सक्कर, १ पंक, १ धूम, १ तम, १ सप्तमी ए सक्कर थी प्रथम भांगो पंच विकल्प करि कह्यो । इम द्वितीय जाव पंचमो भांगो पंच विकल्प करि २५ भांगा थया । तथा अन्य प्रकार करिकै पिण २५ भांगा हुवै ते कहै छँ ते सक्कर थी ५ भांगा प्रथम विकल्प करि कहिवा, पछै ते ५ भांगा द्वितीय विकल्प करि कहिया से भगाय विकल्प करि कहिवा, पछँ ते ५ भांगा चतुर्थ विकल करि कहिया, पछे ते ५ भांगा पंचम विकल्प करि कहिवा, इण प्रकार करिके पिण तेहिज २५ भांगा हुवै, एवं सक्कर थी ५ भांगा पांच विकल्प करि २५ का हिवै वालुक थी १ भंगो ५ विकल्प करि ५ भांगा कहै छँ १०१ १ १ वालु, १ पंक, १ धूम, १ तम, २ सप्तमी हिवै वालु श्री १ भंगो द्वितीय विकल्पे | १०२ १ १ वालु, १ पंक, १ धूम, २ तम, १ सप्तमी हिवै वालु थी १ भांगो तृतीय विकल्पे |१०३ १ १ वालु, १ पंक, २ धूम, १ तस, १ सप्तनी हि वालुथी १ भांगो चतुर्थ विकल्पे १ १ लु २ पंक, १ धूम, १ तम, १ सप्तमी ३ For Private & Personal Use Only १ सक्कर, १ पंक, १ धूम, १ तम, २ सप्तमी ४ १ सक्कर, १ पंक, १ धूम, २ तम, १ सप्तमी १ सक्कर, १ पंक, २ धूम, १ तम, १ सप्तमी हिवै वालु थी १ भांगो पंचम विकल्पे १ २ बालु, १ पंक, १ धूम, १ तम, १ सप्तमी ए वालुक थी १ भांगो ५ विकल्प करि ५ भांगा कह्या । www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy