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________________ हिवै पंक थी १ भांगो प्रथम विकल्प करि कहै छ३४१ १ | १ पंक, १ धूम, १ तम, ३ सप्तमी हिवै द्वितीय विकल्पे हिवं नवम विकल्पे ३२६ | १ | २ वालु, २ पंक, १ तम, १ सप्तमी | हिवै दशम विकल्पे ३३० १ | ३ वालु, १ पंक, १ तम, १ सप्तमी एवं वालु पंक थी ३ भांगा दश विकल्प करि ३० भांगा कह्या । हिवं वालू धूम थी १ भांगो प्रथम विकल्प करि कहै छ३३१ | १ १ वालु, १ धूम, १ तम, ३ सप्तमी ३४२ | १ पंक,१धूम, २ तम, २ सप्तमी हिवै तृतीय विकल्पे १ पंक, २ धूम, १ तम, २ सप्तमी हिवै चतुर्थ विकल्पे हिवै द्वितीय विकल्पे ३४४ १ २ पंक, १ धूम, १ तम, २ सप्तमी ३३२ | १ | १ वालु, १ धूम, २ तम, २ सप्तमी हिवै पंचम विकल्पे हिवं तृतीय विकल्पे १पंक, १ धूम, ३ तम, १ सप्तमी हिवै षष्ठ विकल्प ३३३ | १ | १ वालु, २ धूम, १ तम, २ सप्तमी हिवै चतुर्थ विकल्पे ३४६ १ १ पंक, २ धूम, २ तम, १ सप्तमी हिवै सप्तम विकल्पे २ वालु, १ धूम, १ तम, २ सप्तमी ३४७ २ पंक, १ धूम, २ तम, १ सप्तमी हिवै पंचम विकल्पे हिवं अष्टम विकल्पे ३३५ / १ १ वालु, १ धूम, ३ तम, १ सप्तमी हिवै षष्ट विकल्पे ३४८ | ११ पंक, ३ धूम, १ तम, १ सप्तमी हिवं नवम विकल्पे ३३६ | १ १ वालु, २ धूम, २ तम, १ सप्तमी २ पंक, २ धूम, १ तम, १ सप्तमी हिवै सप्तम विकल्पे ३३७ २ वालु, १ धूम, २ तम, १ सप्तमी हिवै दशम विकल्प पंक, १धूम, १तम, १ सप्तमी हिवै अष्टम विकल्पे ३३८ १ १ वालु, ३ धूम, १ तम, १ सप्तमी एपंक थी १ भांगो दश विकल्प करि १० भांगा कह्या। एवं रत्न थी २०, सक्कर थी १०, वालु थी ४, पंक थी १ए पैतीस भांगा एकेक विकल नां वै । दश विकल ना ३५३ भांगा थया। हिवै नवम विकल्पे ३३६, १ | २ वालु, २ धूम, १ तम, १ सप्तमी हिवं दशम विकल्पे ३४० | १ | ३ वालु, १ धूम, १ तम, १ सप्तमी ___ए वालु थी ४ भांगा दश विकल्प करि ४० भांगा कह्या । १५६ भगवती-जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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