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________________ हिवै दशम विकल्पे १ १६० ए रत्न पंक तभ थी १ भांगो दश विकल्प करि १० भांगा कह्या । हि रत्न धूम तम थी १ भांगो प्रथम विकल्प १६१ १ १६२ हि द्वितीय विकल्पे १६४ हि तृतीय विकल्पे १९३ १ १ रत्न, २ धूम, १ तम, २ सप्तमी हि चतुर्थ विकल् १६५ ३ रत्न, १ पंक, १ तम, १ सप्तमी १६६ हिवै पंचम विकल्पे १ रत्न, १ धूम, १ तम, ३ सप्तमी १ १ रत्न, १ धूम २ तम, २ सप्तमी १६७ १६८ १ २ रत्न, १ धूम, १ तम, २ सप्तमी १ हि षष्ठ विकल्पे १६६ १ १ र १ धूम, ३ तम, १ सनी हिवै सप्तम विकल्पे १ १ रत्त, २ धूम, २ तम, १ सप्तमी हि अष्टम विकल्पे २ रत्न, १ धूम, २ तम, १ सप्तमी १ १ रत्न, ३ धूम, १ तम, १ सप्तमी हि नवम विकल्पे १ २ रत्न, २ धूम, १ तम, १ सप्तमी हि दशम विकल्पे २०० १ ३ र १ धूम, १ तन, १ सप्तमी ए रत्न थी २० भांगा दश विकल्प करि २०० भांगा का । Jain Education International हि सक्कर थी एकेक विकल्प करि १० ते किसा ? सक्कर वालुक थी ६, सक्कर पंक थी ३, सक्कर धूम थी १ एवं १० । सक्कर वालुक थी ६ ते किसा ? सक्कर वालुक पंक थी ३, सक्कर वालुक धूम थी २, सक्कर वालुक तम थी १ एवं ६ । तिहां सक्कर वालुक पंक थी ३ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै। छं २०१ २०२ २०३ २०४ २०५ २०६ २०७ हि द्वितीय विकल्प २०८ २०६ २१० २११ २१२ १ २ २१३ ३ २१४ २१५ १ हिव २ ३ १ २ ३ १ २ हि चतुर्थ विकल्प ३ १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, ३ धूम १ १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, ३ तम २ १ सक्कर, १ वालु, १ पंक, ३ सप्तमी ३ For Private & Personal Use Only १ सक्कर, १ वालु २ पंक, २ धूम १ सक्कर, १ वालु २ पंक, २ तम १ सक्कर, १ वालु २ पंक, २ सप्तमीं १ सक्कर, २ बालु, १ पंक, २ धूम हि पंचम विकल्पे १ सक्कर, २ वालु, १ पंक, २ तम १ सक्कर, २ वालु, १ पंक, २ सप्तमी २ सक्कर, १ वालु, १ पंक, २ धूम २ सक्कर, १ वालु, १ पंक, २ तम २ सक्कर, १ वालु, १ पंक, २ सप्तमी १ सक्कर, १ वालु, ३ पंक, १ धूम १ सक्कर, १ वालु, ३ पंक, १ तम १ सक्कर, १ वालु, ३ पंक, १ सप्तमी श० ६, उ० ३२, ढाल १८३ १५१ www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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