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१७१. तथा वालुक बे धूमा दोय, एक तमा इक सप्तमी सोय ।
तथा वालुक त्रिण धमा एक, एक तमा इक सप्तमी लेख ।
ए व लुक धूम थी १ भांगो, १० विकल करि १० भांगा कह्या । एवं बालुक थी ४ भांगा दश विकल्प करि ४० भांगा कह्या।
हिवै पंक थी १ भांगो, दश विकल्प करि १० भांगा कहै छ१७२. तथा पंक इक धूमा एक, एक तमा त्रिण सप्तमी शेख ।
तथा पंक इक धमा एक, दोय तमा बे सप्तमी लेख ।। १७३. तथा पंक इक धूमा दोय, एक तमा बे सप्तमी सोय ।
तथा पंक बे धूमा एक, एक तमा बे सप्तमी देख ॥ १७४. तथा पंक इक धूमा एक, तीन तमा इक सप्तमी शेख ।
तथा पंक इक धूमा दोय, दोय तमा इक सप्तमी सोय ॥ १७५. तथा पंक बे धूमा एक, दोय तमा इक सप्तमी लेख ।
तथा पंक इक धूमा तीन, एक तमा इक सप्तमी लीन । १७६. तथा पंक बे धूमा दोय, एक तमा इक सप्तमी सोय ।
तथा पंक त्रिण धूमा एक, एक तमा इक सप्तमी शेख ।।
ए पंक थी १ भांगो दश विकल्प करि १० भांगा कह्या। एवं एकेक विकल्प करि रन थी २०, सक्कर थी १०, वालुक थी ४, पंक थी १ ए ३५ भांगा, ते दश विकल्प करि रत्न थी २०० भांगा । सक्कर थी १०० भांगा । वालुक थी ४० भांगा। पंक थी १० भांगा। एवं सर्व ३५० चउकसंजोगिया भांगा जाणवा । हिवै एहनों यंत्र कहै छै
बा०-छह जीव नां चउकसंयोगिक, तेहनां विकल तो दश, भांगा साढा तीन सौ । एक-एक विकल्प नां भांगा पैतीस पैतीस हुवै ते माट दश विकल नां ३५० भांगा हुवै । एक-एक विकल्प नां रत्न थी २०, सक्कर थी १०, वालुक थी ४, पंक थी१-एवं ३५ । रत्न थी २० ते किसा? रत्न सक्कर थी १०, रत्न वालुक थी ६, रत्न पंक थी ३, रत्न धूम थी १- एवं २० रत्न थी एक एक विकल्प नां हवै। रत्न गक्कर थी १० ते किसा? रत्न सक्कर वालुक थी ४, रत्न सक्कर पंक थी ३, रन सक्कर धूम थी २, रत्न सक्कर तम थकी १- एवं १० एक-एक विकल्प नां हुवं । तिहां रत्न सक्कर वालुक थकी ४ भांगा प्रथम विकल करि कहै छै
१ रत्न, १ सक्कर, १ वालुक ३ पंक
१ रत्न, १ सक्कर, १ वालुक, ३ धूम
३
१ रल, १ सक्कर, १ वालुक, ३ तम
४ | १ रत्न, १ सक्कर, १ वालुक,३ सप्तमी
१४ भगवती-जोड़ .....
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