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________________ हिवै पंक तम थी १ भांगो दश विकल्प करि १० भांगा कहै छै१३६. अथवा एक पंक इक तमा, च्यार तमतमा जंत । अथवा एक पंक बे तमा, तीन तमतमा हुंत ।। १४०. अथवा दोय पंक इक तमा, तीन तमतमा माय । अथवा एक पंक त्रिण तमा, दोय तमतमा जाय ।। १४१. अथवा दोय पंक बे तमा, दोय तमतमा देख । अथवा तीन पंक इक तमा, दोय तमतमा पेख ।। १४२. अथवा एक पंक चिउं तमा, एक तमतमा देख । अथवा दोय पंक त्रिण तमा, एक तमतमा पेख ।। १४३. अथवा तीन पंक बे तमा, एक तमतमा पाय । अथवा च्यार पंक इक तमा, एक तमतमा जाय ।। ए पंक तम थी १ भांगो दश विकल्प करि १० भांगा कह्या । ए पंक थी ३ भांगा दश विकल्प करि ३० भांगा कह्या । हिवं धूम थी १ भांगो दश विकल्प करि १० भांगा कहै छ१४४. अथवा एक धूम इक तमा, च्यार तमतमा हंत । अथवा एक धूम बे तमा, तीन तमतमा जंत ।। १४५. अथवा दोय धूम इक तमा, तीन तमतमा देख । अथवा एक धूम त्रिण तमा, दोय तमतमा पेख ।। १४६. अथवा दोय धूम बे तमा, दोय तमतमा जान । अथवा तीन धूम इक तमा, दोय तमतमा मान ।। १४७. अथवा एक धूम चिउं तमा, एक तमतमा देख । अथवा दोय धूम त्रिण तमा, एक तमतमा पेख ।। १४८. अथवा तीन धूम इक तमा, दोय तमतमा होय । अथवा च्यार धूम इक तमा, एक तमतमा होय ॥ ए धम थी दस विकल्प करि १० भांगा कह्या । एवं रत्न थी १५०, सक्कर थी १००, वालुक थी ६०, पंक थी ३०, धूम थी १० सर्व त्रिकसंजोगिया छह जीव नां ३५० भांगा जाणवा । छह जीव नां त्रिकसंजोगिया रत्न थी १५, सक्कर थी १०, वालुक थी ६, पंक थी ३, धूम थी १–एवं ३५, दश विकल्प करि ३५० भांगा कह्या। तिहां रल थी १५ ते किसा? रत्न सक्कर थी ५, रत्न वालुक थी ४, रत्न पंक थी ३, रस्त धूम थी २, रत्न तम थी १–एवं १५ भांगा, दश विकल्प करिकै १५० भांगा रत थी हुवे । तिहां रत्न सक्कर थी ५ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छ । १ रत्न, १ सक्कर, ४ वालु १ रत्न, १ सक्कर, ४ पंक १ रत्न, १ सक्कर, ४ धूम १ रत्न, १ सक्कर, ४ तम ५ १ रत्न, १ सक्कर, ४ सप्तमी १२२ भगवती-जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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