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________________ वालु तम थी १-एवं वालु थी ६, ते दश विकल्प करि ६० भांगा हुदै, तिहां वालु पंक थी ३ भांगा दश विकल्प करि कहै छै१०४. अथवा इक वालुक इक पंके, च्यार धुम उपजंत । जावत इक वालू पंके इक, च्यार तमतमा हुंत ।। १०५. अथवा इक वालू बे पंके, तीन धूम रै माय । जावत इक वालू पंके बे, तीन तमतमा पाय ॥ १०६. अथवा बे वालुक इक पंके, तीन धम अघखान । जावत बे वालू पंके इक, तीन तमतमा जान । १०७. अथवा इक वालुक त्रिण पंके, दोय धूम दुखपूर । जावत इक वालू पंके त्रिण, दोय तमतमा भूर ॥ १०८. अथवा बे वालुक बे पंके, दोय धूम पहिछान । जावत बे वाल पंके बे, दोय तमतमा जान ॥ १०६. अथवा त्रिण वालुक इक पंके, दोय धूम दुखरास । जावत त्रिण वाल पंके इक, दोय तमतमा तास ।। ११०. अथवा इक वालुक चिउं पंके, एक धूम अवलोय । जावत इक वालू पंके चिउं, एक तमतमा होय ॥ १११. अथवा बे वालू पंके त्रिण, एक धूम दुखधाम । जावत बे वालू पंके त्रिण, एक तमतमा पाम ॥ ११२. अथवा त्रिण वालुक बे पंके, एक धूम कहिवाय । जावत त्रिण वालू के बे, एक सप्तमी जाय ॥ ११३. अथवा चिउं वालुक इक पंके, एक धम में पेख । जावत चिउं वाल पंके इक, एक सप्तमी लेख ॥ ए बालु पंक थी ३ भांगा दश विकल्प करि ३० भांगा कह्या । हिवै बालुक धूम थी २ भांगा दश विकल्प करि कहै छ११४. अथवा इक वालू इक धूमा, च्यार तमा उपजत । अथवा इक वालुक इक धूमा, च्यार तमतमा हुंत ।। ११५. अथवा इक बालुक बे धूमा, तीन तमा दुख पाय । अथवा इक वालुक बे धूमा, तीन तमतमा जाय ।। ११६. अथवा बे वालुक इक धूमा, तीन तमा अघखान । __ अथवा बे वालुक इक धूमा, तीन तमतमा जान ।। ११७. अथवा इक वालू त्रिण धूमा, दोय तमा दुखपूर । अथवा इक वालु त्रिण धूमा, दोय तमतमा भूर ।। ११८. अथवा बे वालुक बे धूमा, दोय तमा पहिछान । अथवा बे वालुक बेधूमा, दोय तमतमा जान । ११६. अथवा त्रिण वालू इक धूमा, दोय तमा दुखरास । अथवा त्रिण वालू इक धूमा, दोय तमतमा तास ॥ १२०. अथवा इक वालुक चिउं धूमा, एक तमा अवलोय । अथवा इक वालुक चिउं धूमा, एक तमतमा होय ।। १२१. अथवा बे वालुक त्रिण धूमा, एक तमा दुखधाम । अथवा बे वालु त्रिण धूमा, एक तमतमा पाम ॥ १२० भगवती-जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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