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६४. त्रिण प्रदेशे रह्यो त्रिप्रदेशियो, एक प्रदेशे देसेणं सव्वं फुस, निज देशे करि हो १५. वे प्रदेशे त्रिप्रदेशियो, एक प्रदेशे हो इक प्रदेशे इक देश है, दोष प्रवेशे हो द्विप्रदेशिक रहेस । ६. एक प्रदेशे वे देश के तिर्क फर्स हो द्विप्रदेशी नुं देश । देसेहि देस फुसइ, बहु देशे करि हो अन्य इक देश फर्सेस | १७. वे प्रदेशे रह्यो त्रिप्रदेशियो, एक प्रदेशे हो रह्या छ दोय देश । इक प्रदेशे एक देश छं, द्विप्रदेशिक हो एक प्रदेश रहेस ।। १. एक प्रदेशे वे देश है, तिके फर्से हो द्वित्रदेशिक संघ ।
देसेहि सव्वं फुसइ, बहु देशे करि हो सर्व प्रतै फर्सद ॥ १६. इक प्रदेशे रह्यो विप्रदेशियों, दोय प्रदेशे हो द्विप्रदेशियो जाण ।
हो द्विप्रदेशी रहँत । सर्व प्रत फसंत ॥ राया छ दोष देश ।
सण दे फुस, निज सर्वे करि हो एक देश फसण || १०० एक प्रदेश रह्यो त्रिदेशियो, एक प्रदेश हो द्विप्रदेशी रहंत ।
सव्वेणं सव्वं फुसइ, निज सर्वे करि हो सर्व प्रतै फर्संत ।। १०१. तीन प्रदेशियो संघ तिको वलि अनेरो हो त्रिदेशिक संघ ।
तेह प्रतै फर्सतो छतो, सर्व स्थानके हो नव भंगे फर्सद ॥ १०२. त्रिनप्रदेशे रह्यो त्रिप्रदेशियो, तीन प्रदेशे हो बलि दुजो पिण रहत । देसेणं देस फुस, निज देशे करि हो अन्य देश फर्सत ॥ १०३. त्रिण प्रदेशे रह्यो त्रिप्रदेशियो, दोय प्रदेशे हो दूजो खंध त्रिप्रदेश | एक प्रदेशे वे देश छै, एक प्रदेशे हो इक देश है शेष || १०४. एक प्रदेशे वे देश है, तिण ने फस हो विदेशी नो देश । देसेणं देसे फुसइ, इक देशे करि हो बहु देश फर्सेस ॥ १०५. त्रिण प्रदेशे रह्यो त्रिप्रदेशियो, एक प्रदेशे हो अन्य संध त्रिप्रदेशि । देसेणं सव्वं फुसइ, इक देशे करि हो सर्व प्रते फर्सेसि ॥ १०६. वे प्रदेश रह्यो विप्रदेशियो एक प्रदेशे हो दोय देश रहेसि । इक प्रदेश इक देश छै, तीन प्रदेशे हो अन्य खंध त्रिप्रदेशि || १०७. एक प्रवेशे वे देश है, तिको फर्से हो त्रिप्रदेशी नों देश । देसेहि देसं फुसइ, बहु देशे करि हो इक देश फर्सेस ।। त्रिप्रदेशी हो दोय खंध विशेष । इक इक प्रदेशे हो देश छै एक एक ॥। तिके फर्से हो अन्य नां बहु देश । करि हो बहु देश फर्सेस |
१०५ वे वे प्रदेश विषे रहा।
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इक इक प्रदेशे बे देश छै, १०२. एक प्रदेशे वे देश छ, देहि देसे फुसइ, बहु देशे ११०. वे प्रदेश रह्यो त्रिप्रदेशियो एक प्रदेशे हो रह्या छे दोय देश । इक प्रदेशे इक देश छे, एक प्रदेशे हो अन्य खंध त्रिप्रदेश || १११. इक प्रदेशे वे देश छे, तिके फर्से हो त्रिप्रदेशी संघ । देसेहि सव्वं फुसइ, बहु देशे करि हो सर्व प्रते फर्सद ॥ ११२. इक प्रदेशे रह्यो त्रिप्रदेशियो, तीन प्रदेशे हो अन्य संघ त्रिदेशि । सत्रेणं दे कुस, निज सर्वे करि हो अन्य देश फर्शेसि ॥
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१०१ समास ि
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फुसइ ।
श०५, उ०७, ढाल ८६७१
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