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५२. अहवा न करेइ न कारवेइ मणसा कायसा, अहवा न
करेइ न कारवेइ वयसा कायसा ५३. अहवा न करेइ करेंतं नाणुजाणइ मणसा वयसा,
अहवा न करेइ करेंत नाणुजाणइ मणसा कायसा ५४. अहवा न करेइ करेंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा
अहवा न कारवेइ करेंतं नाणुजागइ मणसा वयसा ५५. अहवा न कारवेइ करेंतं नाणुजाणइ मणसा कायसा,
अहवा न कारवेइ करेंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा
५२. अथवा न करे ने नहीं कारवै, मणसा कायसा जोय ।
अथवा न करै करावै नहीं, वयसा कायसा सोय ॥ ५३. अथवा न करै अनमोदै नहीं, मणसा वयसा जेह ।
अथवा न करै अनमोदै नहीं, मणसा कायसा तेह ।। ५४. अथवा न करै अनुमोदै नहीं, वयसा कायसा जाण ।
अथवा न करावै अनुमोदै नहीं, मणसा वयसा आण ।। ५५. अथवा न करावे अनुमोदै नहीं, मणसा कायसा देख ।
अथवा न करावै अनमोदै नहीं, वयसा कायसा पेख ।। ५६. अंक बावीस नां नव भांगा कह्या, हिव इकवीस नों अंक ।
नव भांगे हिंसा जे अतीत नीं, निदै छाडै बंक ॥ ५७. दुविध एकविध पडिकमते छते, न करै नांहि कराय।
मणसा मनजोगे करिने तिको, पढम भंग ए थाय । ५८. अथवा न करै नैं नहीं कारवै, वयसा दूजो भंग ।
अथवा न करै ने नहीं कारवै, कायसा तृतीय प्रसंग ।। ५६. अथवा न करै नैं करतां प्रतै अनमोदै नहिं मनेह ।
अथवा न कर न करतां प्रतै अनमोदै न वचेह ।। ६०. अथवा न करै नैं करतां प्रतै अनुमोदै न कायेण ।
अथवा न करावै करतां प्रतै अनमोदै न मणेण ।। ६१. अथवा न करावै करतां प्रतै अनमोदै न वचेह।
अथवा न करावै मैं करतां प्रतै अनमोदै न कायेह ।। ६२. अंक कह्यो छ ए इकवीस नों, हिवै तेर नं अंक ।
त्रिण भांगे करी हिंसा अतीत नीं, निंदै छांडी वंक ॥ ६३. इकविध-त्रिविधे पडिकमते छते, न करै पोते जेह ।
मणसा वयसा ने वलि कायसा, प्रथम भंग छै एह ।। ६४. वलि न करावै मन वच काय थी, दूजो भांगो देख ।
वलि करतां प्रति अन मौदै नहीं, मन वच काया पेख ।। ६५. अंक कह्यो छै एतेरै तणो, हिवै बारै नो जाण ।
नव भंगे कर हिंसा अतीत नीं, निदै चतुर सुजाण ॥ ६६. इकविध दुविधे पड़िकमते छते, न करै मणसा वाय।
अथवा न करै मणसा कायसा, न करै वयसा काय ।।
५७. दुविहं एक्कविहेणं पडिक्कममाण न करेइ न कारवेइ
मणसा ५८. अहवा न करेइन कारवेइ वयसा अहवान करेइन
कारवेइ कायसा ५६. अहवा न करेइ करेंतं नाण जाणइ मणसा अहवान
करेइ करेंतं नाणजाणइ वयसा ६०. अहवा न करेइ करेंतं नाणजाणइ कायसा अहवा न
कारवेइ करेंतं नाणुजाणइ मणसा ६१. अहवा न कारवेइ करेतं नाणुजाणइ वयसा, अहवा न
कारवेइ करेंत नाणुजाण इ कायसा
६३. एगविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे न करेइ मणसा
वयसा कायसा ६४. अहवा न कारवेइ मणसा वयसा कायसा, अहवा
करेंतं नाणुजाणइ मणसा वयसा कायसा
६७. अथवा न करावै मन वच करी, चोथो भांगो न्हाल ।
अथवा न करावै मन काय थी, पंचम भंग संभाल । ६८. अथवा न करावै वच कायसा, छठो भांगो एह ।
अथवा करतां प्रति अनमोदै नहीं, मनसा वयसा तेह ॥ ६६. अथवा करतां प्रति अनमोदै नहीं, मणसा कायसा जाण।
अथवा करतां प्रति अनमोदै नहीं, वयसा कायसा पिछाण ।। ७०. अंक बारै नो एहिज आखियो, हिवै इग्यार नों इंत।
नव भंगे करि हिंसा अतीत नीं, निंदवै करि निवर्तत ॥ ३६२ भगवती-जोड़
६६. एक्कविहं दुविहेणं पडिक्कमाणे न करेइ मणसा वयसा,
अहवा न करेइ मणसा कायसा अहवा न करेइ वयसा
कायसा ६७. अहवान कारवेइ मणसा वयसा, अहवा न कारवेइ
मणसा कायसा ६८. अहवा न कारवेइ वयसा कायसा अहवा करेंतं नाण
जाणइ मणसा वयसा ६६. अहवा करेंत नाणुजाणइ मणसा कायसा अहवा करेंत
नाणुजाणइ वयसा कायसा
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