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२७. जो छै पृथ्वीकाय, स्यूं सूक्षम बादर पृथ्वी?
जिन कहै बिहं कहिवाय, यावत प्रयोग-परिणते ।
णए ? जाव वणस्सइकाइयएगिदियओरालियसरीरकायपयोगपरिणए ? गोयमा ! पुढविक्काइयएगिदियओरालियसरीरकायपयोगपरिणए वा जाव वणस्सइकाइयएगिदियओरालियसरीरकायपयोगपरिणए वा ।
(श० ८.५१) २७. जइ पुढविक्काइयएगिदियओरालियसरीरकायपयोग
परिणए कि सुहुमपुढविक्काइय जाव परिणए ? बादरपुढविक्काइय जाव परिणए ? गोयमा ! सुहुमपुढविकाइयएगिदिय जाव परिणए वा बादरपुढ़विक्काइय जाव परिणए वा।
(श० ८।५२) २८. जइ सुहुमपुढ़विक्काइय जाव परिणए कि पज्जत्ता
सुहुमपुढविक्काइय जाव परिणए ? अपज्जतासुहुमपुढविक्काइय जाव परिणए ? गोयमा ! पज्जत्तासुहुमपुढविक्काइय जाव परिणए वा, अपज्जत्तासुहुमपुढविक्काइय जाव परिणए वा।
एवं बादरा वि । २६. एवं जाव वणस्सइकाइयाणं चउक्कओ भेदो।
२८. जो सूक्षम पृथ्वीकाय, तो पर्याप्ता कै अपज्जत्ता।
जिन कहै बिहुँ कहाय, बादर पृथ्वी पिण इमज ॥
२६. जाव वणस्सइ एम, सक्षम बादर भेद बे ।
पज्जत्त अपज्जत्त तेम, भेद बिहं सगलां तणां ।। ३०. बे० ते० चउरिंद्री ताय, पज्जत्त अपज्जत्त भेद बे।
ओदारिक-तनु-काय, प्रयोग-परिणत द्रव्य ते॥ ३१. जो पंचेंद्री होय, स्यु तिरि-पंचेंद्री मनुष्य ।
जिन भाखै बिहं जोय, यावत परिणत द्रव्य छ ।
३०. बेइंदिय-तेइंदिय-चरिदियाणं दुयओ भेदो- पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य ।
(श० ८।५३) ३१. जइ पंचिदियओरालियसरीरकायपयोगपरिणए कि
तिरिक्खजोणियपंचिदियओरालियसरीरकायपयोगपरिणए ? मणुस्सपंचिंदिय जाव परिणए ? गोयमा ! तिरिक्खजोणिय जाव परिणए वा मणुस्स
पंचिदिय जाव परिणए वा। (श० ८।५४) ३२. जइ तिरिक्खजोणिय जाव परिणए कि जलचरतिरिक्ख
जोणिय जाव परिणए ? थलचर-खहचर जाव
परिणए ? ३३. एवं चउक्कओ भेदो जाव खहचराणं । (श० ८।५५)
३२. जो तिरि-पं०इम होय, स्य जलचर तिथंच
थलचर खेचर जोय ? पूर्ववत चिउं भेद
ते। ए॥
३३.संमच्छिम बे भेद, पर्याप्त अपर्याप्तो।
इम गर्भेज संवेद, च्यार भेद इम कीजिये ।। ३४. जो मनष्य-पंचेंद्री जान, तो संमच्छिम गर्भज मन ?
जिन कहै दोन मान, हिव पूछा गर्भेज नीं।
३४. जइ मणुस्सपंचिदिय जाव परिणए कि संमुच्छिम
मणुस्सपंचिदिय जाव परिणए ? गब्भवक्कंतियमणुस्स जाव परिणए ? गोयमा! दोसु वि ।
(श० ८।५६) ३५. जइ गब्भवक्कंतियमणुस्स जाव परिणए कि पज्जत्ता
गब्भवक्कंतिय जाव परिणए ? अपज्जत्तागब्भवक्कंतिय जाव परिणए ?
३५. जो गर्भज-मन ताय, तो स्यू पज्जत्त अपज्जत्ता ? ___ जिन कहै बिहुं पाय, ओदारिक जाव परिणते ॥
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डा.१३१३१६
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