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१. उत्पाद पूर्व
२. अग्रेयणीय पूर्व
३. वीर्य पूर्व
४. अस्तिनास्तिप्रवाद पूर्व
५. ज्ञानप्रवाद पूर्व
३. सत्यप्रवाद पूर्व
७. आत्मप्रवाद पूर्व
पूर्व
१. प्रत्याख्यान पूर्व
.
११. अवध्य पूर्व
नंदी
सर्व द्रव्य व पर्यायों के उत्पादन का जीव आदि के उत्पाद, व्यय,
का प्रज्ञापन |
प्रज्ञापन ।
सब द्रव्यों, पर्यायों और सब जीवों के परिमाण का प्रज्ञापन |
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जीव और अजीव के वीर्य
प्रज्ञापन ।
अस्तित्व और नास्तित्व
प्रज्ञापन ।
का
ज्ञान मीमांसा - ज्ञान और उसके भेदों
का प्रज्ञापन ।
सत्य वचन का प्रज्ञापन ।
का
आत्मा का नयों के द्वारा प्रज्ञापन |
कर्म के स्वरूप और प्रकृति बन्ध आदि भेदों का प्रज्ञापन | सर्व प्रत्याख्यान प्रज्ञापन |
के स्वरूप का
अतिशायी विद्याओं का प्रज्ञापन ।
१. कदी पूर्णि, पृ. ७५,७६
ज्ञान, तप आदि की सफलता एवं प्रमाद आदि की निष्फलता का
प्रज्ञापन |
धवला
अंग का वर्णन |
द्रव्य भाव आदि की अपेक्षा से परिमित काल व अपरिमित काल के प्रत्याख्यान, उपवासविधि, पांच समिति और तीन गुप्ति का प्रज्ञापन । अंगुष्ठ प्रश्न आदि सात सौ अल्पविद्याओं का तथा रोहिणी आदि पांच सौ महाविद्याओं, अन्तरिक्ष आदि आठ महानिमित्तों का प्रज्ञापन। सूर्य, चन्द्रमा, नक्षत्र व तारागण के चार क्षेत्र, उपपाद स्थान, गति तथा उनके फल तथा तीर्थंकर आदि के महाकल्याणकों का प्रज्ञापन ।
प्रज्ञापन ।
प्रज्ञापन ।
१२. प्राणायु पूर्व १३. क्रियाविशाल पूर्व १४. लोकविसार पूर्व त लोक के बिन्दु सर्वाक्षरसन्निपात आदि का प्रज्ञापन
आयु आदि प्राणों का भेद सहित आयुर्वेद, भूतिकर्म और प्राणायाम का भेद-प्रभेद सहित प्रज्ञापन । | कार्यक्रिया आदि क्रियाओं का भेद सहित | ७२ कलाओं तथा ६४ गुणों का नृत्य, गीत, लक्षण, छन्द, आदि शास्त्रों का प्रज्ञापन । परिकर्म, व्यवहार, रज्जुराशि कलासवण्ण (गणित का भेद विशेष) वर्ग, घन, बीजगणित और मोक्ष का
प्रज्ञापन ।
प्रज्ञापन ।
प्रज्ञापन |
३. कषायपाहुड़, पृ. १३९- १४८
सात सौ सुनय और दुर्नयों का तथा छह द्रव्य, नौ पदार्थ और पांच अस्तिकाय का प्रज्ञापन ।
आरमनीयं परवीर्य, उभय क्षेत्र, काल-तप- वीर्य का प्रज्ञापन ।
सब द्रव्यों का स्वरूपादि ( स्व द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव) चतुष्टय की अपेक्षा अस्तित्व तथा पर द्रव्य आदि चतुष्टय की अपेक्षा नास्तित्व का
प्रज्ञापन । ज्ञान -- प्रत्यक्ष-परोक्ष प्रज्ञापन |
आदि का
वाग्गुप्ति, वाक्संस्कार के कारण, वचन व्यवहार सत्य आदि दसविध सत्यों प्रयोग, भाषा के प्रकार, वक्ता के असत्य सत्य वचन का प्रज्ञापन ।
का प्रज्ञापन ।
सप्तभंगी के द्वारा समस्त पदार्थों की निरूपणविधि का प्रज्ञापना ।
स्व-पर- उभय-क्षेत्र भव-तप-वीर्य का प्रज्ञापन ।
जीव अजीव के अस्तित्व नास्तित्व का प्रज्ञापन |
ज्ञान-अज्ञान का प्रज्ञापन ।
श्रीव्य
जीव, वेत्ता, विष्णू, भोक्ता बुद्ध आदि के रूप में आत्मा का प्रज्ञापन । आठ प्रकार के कर्मों का वर्णन ।
आठ व्यवहार, चार बीज और मोक्ष की ओर ले जाने वाली क्रियाओं एवं उनके फल का प्रज्ञापन
२. षट्खण्डागम, पुस्तक १, पृ. ११५-१२३
नंदी
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जयधवला'
नाना नय के विषयभूत तथा क्रम अक्रम से होने वाले उत्पाद व्यय और धीव्य का प्रतिपादन ।
जीव की सिद्धि और आत्मा के स्वरूप का प्रज्ञापन समवदान क्रिया, ईर्यापथिकी क्रिया तप और अधः कर्म का प्रज्ञापन । नाम, स्थापना, द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव भेदयुक्त परिमित और अपरिमित काल वाले प्रत्याख्यान का
प्रज्ञापन ।
अंगुष्ठ प्रश्न आदि सात सौ मंत्र तथा रोहिणी आदि महाविद्याओं का, उनकी साधना विधि एवं फल का
प्रज्ञापन ।
ग्रह, नक्षत्र, चन्द्र और सूर्य के चार क्षेत्र अष्टांग महानिमित्त और तीर्थकर, चक्रवर्ती बलदेव आदि के कल्याणकों का प्रज्ञापन । दसविध प्राणों की हानि वृद्धि का
अलंकार
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