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________________ १२५२ प्राप्ति स्थान चिन्तामणि जी का मंदिर, ५३ वि० सं० १४२५ माघ वदि ७ सोमवार" जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास बीकानेर आदिनाथ पंचतीर्थी का लेख प्राप्ति स्थान शांतिनाथ जिनालय, नमक मंडी, आगरा ईश्वरसूरि (तृतीय) के पट्टधर शालिसूरि (तृतीय) हुए । इनके द्वारा प्रतिष्ठापित २ प्रतिमार्थे आज उपलब्ध हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है ५४ वि० सं० १४२२ माघ वदि १२ मंगलवार --- वासुपूज्य पंचतीर्थी का लेख, प्राप्ति स्थान - विमलनाथ जिनलाय, कोचरों का चौक, बीकानेर वि० सं० १४४६ आषाढ़ वदि १ पार्श्वनाथ की धातु प्रतिमा का लेख प्राप्ति स्थान - ऋषभदेव जिनालय की भाण्डारस्थ प्रतिमा, नाहटों की गवाड़, बीकानेर शालिसूरि (तृतीय) के पट्टधर सुमतिसूरि (तृतीय) हुए । इनके द्वारा प्रतिष्ठापित वि० सं० १४४२ से वि० सं० १४६९ तक के जो प्रतिमायें आज उपलब्ध हैं, उन पर उत्कीर्ण लेखों का विवरण इस प्रकार है ५६ वि० सं० १४४२ वैशाख सुदि ३ सोमवार प्राप्ति स्थान अनुपूर्ति लेख, आबू ५७ वि० सं० १४४३ प्राप्ति स्थान - जैन मन्दिर, राजनगर Jain Education International वि० सं० १४५९ प्राप्ति स्थान - अजितनाथ देरासर, शेख पाडो, अहमदाबाद वि० सं० १४६१ वैशाख सुदि ५९ शान्तिनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्राप्ति स्थान - चन्द्रप्रभ जिनालय, जैसलमेर - For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003615
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages698
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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