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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास देहरी संख्या ४० पर भी वही लेख है, परन्तु इसमें सुमतिनाथ की प्रतिमा को देवकुलिका में स्थापित कराने का उल्लेख है।
वि० सं० १२९७ वैशाख सुदि ३३१ शान्तिसूरि के परिकर वाली प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्रतिष्ठा स्थान - जैन मन्दिर - अजारी वि० सं० १२९८ तिथि विहीन लेख
मल्लिनाथ जिनालय, खंभात में मन्त्री यशोवीर के पुत्र देवधर, उसकी पत्नी देवश्री और उनके पुत्रों द्वारा नन्दीश्वरद्वीप की स्थापना का उल्लेख है। वर्तमान में यह चिन्तामणिपार्श्वनाथ जिनालय के गर्भगृह के बगल में दीवाल में स्थापित है।३२
दो लेख, जिनमें प्रतिष्ठापक आचार्य का उल्लेख नहीं हैवि० सं० १२६६ कार्तिक वदि २ बुधवार२३ स्तम्भ पर उत्कीर्ण लेख प्रतिष्ठा स्थान - वीर जिनालय, सांडेराव वि० सं० १२६९ फाल्गुन सुदि ४ गुरुवार स्तम्भ पर उत्कीर्ण लेख प्रतिष्ठा स्थान - जैन मन्दिर, सांडेराव
शान्तिसूरि (प्रथम) के पट्टधर ईश्वरसूरि (द्वितीय) हुए । इनके द्वारा प्रतिष्ठित वि० सं० १३०७ एवं १३१७ के दो लेख मिले हैं जो इस प्रकार
वि० सं० १३०७ वैशाख सुदि ५ गुरुवार २५ शान्तिनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख प्रतिष्ठा स्थान - चिन्तामणि पार्श्वनाथ जिनालय, खंभात वि० सं० १३१७ ज्येष्ठ वदि ११ बुधवार
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