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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
रत्नप्रभसूरि
| मानतुंगसूरि
प्रभावकचरित - राजगच्छ के आचार्य चन्द्रप्रभसूरि के शिष्य प्रभाचन्द्रसूरि ने वि० सं० १३३४ / ई० सन् १२७८ में उक्त महत्त्वपूर्ण कृति की रचना की । इसकी प्रशस्ति के अन्तर्गत उन्होंने अपने गच्छ को विस्तृत गुर्वावली दी है, जो इस प्रकार है :
प्रद्युम्नसूरि
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अभयदेवसूरि
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धनेश्वरसूरि
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अजितसिंहसूरि
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वर्धमानसूरि
[वि० सं० १३३२ / ई० सन् १२७६ में श्रेयांसचरित के रचनाकार ]
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शीलभद्रसूरि
श्रीचन्द्रसूरि भरतेश्वरसूरि धर्मघोषसूरि सर्वदेवसूरि
पूर्णभद्रसूरि I
जिनेश्वरसूरि जिनदत्तसूरि पद्मदेवसूरि
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