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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास विभिन्न लेखों में हेमतिलकसूरि का प्रतिमाप्रतिष्ठापक के रूप में नाम मिलता है। ऐसा संभव है कि वि० सं० १५०१/ई० स० १४४५ के लेख में उल्लिखित हेमतिलकसूरि और ब्रह्माणगच्छीय हेमतिलकसूरि एक ही व्यक्ति हों। ऐसा मान लेने पर ब्रह्माणगच्छ के तीन पश्चात्कालीन मुनिजनों के नाम उक्त अभिलेख ज्ञात हो जाते हैं जिन्हें तालिका के रूप में इस प्रकार रखा जा सकता है: तालिका-६
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मदनप्रभसूरि
(वि०सं० १३२७) प्रतिमालेख
भद्रेश्वरसूरि
(वि०सं० १३७०) प्रतिमालेख
विजयसेनसूरि
(वि०सं० १३७५-१३८०) प्रतिमालेख (वि० सं० १४१२-१४२९) प्रतिमालेख
रत्नाकरसूरि
हेमतिलकसूरि
(वि० सं० १४३२-१४५४) प्रतिमालेख
वीरचन्द्रसूरि
उदयानंदसूरि (वि०सं० १४४६-१४७१)
प्रतिमालेख
जयाणंदसूरि
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