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नागेन्द्रगच्छ
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शिष्य यशो (देव) सूरि का भी उल्लेख मिलता है । " पुरातनप्रबन्धसंग्रह ( रचनाकाल ई० सन् की १५वीं शताब्दी) के अन्तर्गत एक प्रशस्ति के अनुसार उदयप्रभसूरि के शिष्य जिनभद्रसूरि ने वि० सं० १२९०/ई० सन् १२३४ में नानाकथानकप्रबन्धावली की रचना की।
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आनन्दसूरि (व्याघ्र शिशुक)
यशो (देव) सूरि
(वि० सं० १३०२ ) ( प्रतिमालेख
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महेन्द्रसूरि
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शान्तिसूरि
अमरचन्द्रसूरि
(सिंह शिशुक)
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हरिभद्रसूरि (कलिकालगौतम)
विजयसेनसूरि
(महामात्य वस्तुपाल के गुरु)
उदयप्रभसूर धर्माभ्युदयमहाकाव्य तथा अनेक
कृतियों के रचनाकार)
1 जिनभद्रसूरि
(वि० सं० १२८० / ई० सन् १२३४ में
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