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पूर्णिमागच्छ ढंढेरिया शाखा
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क्रमांक | संवत् | तिथि/ ग्रन्थ का मूल प्रशस्ति प्रशस्तिगत | प्रतिलिपि- संदर्भ ग्रन्थ मिति । नाम । प्रतिलेखन | आचार्य/
प्रशस्ति । मुनि का नाम ११. | १५५५ / मार्गशीर्ष | पाक्षिकसूत्र
भुवनप्रभसूरि | मुनिरत्नमेरु |वही, वदि ४ अवचूरि
एवं उनके शिष्य
क्रमांक ९५१, रविवार
मुनि रत्नमेरु
पृ०७८ १२. | १५६५ | भाद्रपद | प्रज्ञापनासूत्र । | प्रतिलेखन | भुवनप्रभसूरि
वही, वदि ४ की दाता
क्रमांक २६६, रविवार प्रशस्ति
पृ० ३५ १३. | १५६६ | श्रावण | भगवतीसूत्र
भुवनप्रभसूरि
वही, प्रतिपदा | वृत्ति
क्रमांक ३८८,
पृ० ३५ १४. | १५६६ / कातिक प्रतिक्रमणसूत्र । प्रतिलेखन - भुवनप्रभसूरि । मुनि वही, वदि ४ वृत्ति
प्रशस्ति एवं उनके शिष्य | राजसुन्दर क्रमांक ८००, कमलप्रभसूरि
पृ० ६१
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