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क्रमांक | संवत् | तिथि/ ग्रन्थ का मूल प्रशस्ति प्रशस्तिगत | प्रतिलिपि- संदर्भ ग्रन्थ मिति नाम प्रतिलेखन आचार्य/
प्रशस्ति | मुनि का नाम १५. | १५७८ | ज्येष्ठ वत्सकुमारकथा | प्रतिलेखन | भुवनप्रभसूरि राजमाणिक्य वही, वदि ९ प्रशस्ति एवं उनके शिष्य
क्रमांक ४८७७, कमलप्रभसूरि
पृ० ३०७ एवं उनके शिष्य
राजमाणिक्य १६. | १५७४ | चैत्र आदिनाथ
जयप्रभसूरि मुनि रत्नमेरु वही, सुदि १३ महाकाव्य
के शिष्य
क्रमांक ४७४८, बुधवार
भुवनप्रभसूरि
पृ० २७२ एवं उनके शिष्य मुनिरत्नमेरु
जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
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