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पूर्णिमागच्छ
तालिका ३
मुनिशेखरसूरि
साधुरत्नसूरि
[वि०सं० १४८५ - १५१९] २३ प्रतिमालेख
श्रीसूरि [वि०सं० १४८६] १ प्रतिमालेख
साधुसुन्दरसूरि [वि०सं० १५०६ - १५३३]
३७ प्रतिमालेख
देवसुन्दरसूरि [वि०सं० १५४५-१५४८]
३ प्रतिमालेख अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर पूर्णिमागच्छ के कुछ अन्य मुनिजनों के भी पूर्वापर सम्बन्ध स्थापित होते हैं, परन्तु उनके आधार पर इस गच्छ की गुरु-परम्परा की किसी तालिका को समायोजित कर पाना कठिन है। इनका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है :
१. जयप्रभसूरि [वि० सं० १४६५] २. जयप्रभसूरि के पट्टधर जयभद्रसूरि [वि० सं० १४८९-१५१९] ३. विद्याशेखरसूरि के पट्टधर गुणसुन्दरसूरि [वि० सं० १५०४ -
१५२४] ४. जिनभद्रसूरि [वि० सं० १४७३ - १४८१]
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