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श्वेताम्बर श्रमण संघ का प्रारम्भिक स्वरूप
आर्यरोहण से उद्देहगण अस्तित्व में आया । इस गण से ४ शाखायें व ६ कुल अस्तित्व में आये :
उद्देहगण ४ शाखायें
६ कुल १. औदुम्बरीया
१. नागभूतिक २. मासपूरिका
२. सोमभूतिक ३. मतिपत्रिका
३. आर्द्रकच्छ ४. सुवर्णपत्रिका
४. हस्तलीय ५. नान्दिक
६. पारिहासक श्रीगुप्त से चारणगण निकला । इस गण से ४ शाखायें व ७ कुल अस्तित्व में आये जो इस प्रकार हैं :४ शाखायें
७ कुल १. हारितमालागारिक
१. वत्सलीय २. संकाशिका
२. प्रीतिधर्मक ३. गवेधुका
३. हरिद्रक ४. वज्रनागरी
४. पुष्पमित्रक ५. माल्यक ६. आर्यचेटक
७. कृष्णसखा आर्यभद्रयश से उड्डवाडिय (ऋतुवाटिक) गण निकला । इस गण से ४ शाखायें व ३ कुल अस्तित्व में आये :ऋतुवाटिक गण ४ शाखायें
३ कुल १. चम्पार्जिका
१. भद्रयशिक २. भद्राणिका
२. भद्रगौप्तिक
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