________________
विषयानुक्रमणिका
xvi
मंगलामृतम् श्रेयोवाक् प्रज्ञाभिनन्दना प्रशंसनीय नूतन प्रस्थान आनन्दानुभूति सुप्रभातम् वर्धापना आत्म-निवेदन
xvii
xix
xxi xxiii
37
37
37
38
1. जैन आगम साहित्य : एक अनुशीलन 1. वैदिक संस्कृति 2. श्रमण संस्कृति 3. जैन श्रमण परम्परा 4. बौद्ध श्रमण परम्परा
आगम साहित्य
आगम का महत्व 7. आगम के पर्यायवाची शब्द 8. आगम शब्द की व्युत्पत्ति एवं परिभाषा 9. आगमों के प्रकार 10. आगमों के रचयिता 11. आगमों की प्रामाणिकता 12. आगमों का वर्गीकरण
39 41 41
41
44
45
46
47
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org