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को बहुत आशाएं हैं, अपेक्षाएं हैं, जिनमें मेरी अपनी आशाएं-अपेक्षाएं भी सम्मिलित हैं।
मैं कामना करता हूँ कि वे अपनी स्वाध्यायवृत्ति को निरंतर गतिमान रखकर संघ एवं समाज को अपने अमूल्य अवदानों से लाभान्वित करती
__मैं पुलकित और प्रमुदित हूँ कि साध्वी जी का यह शोध-प्रबंध प्रकाशित हो रहा है। मेरी प्रसन्नता का एक आयाम यह भी है कि साध्वी जी की शिक्षा मैं भी प्रत्यक्ष वा परोक्ष रूप कुछ हद तक जुड़ा हुआ रहा हूँ, अतः उनकी इस उपलब्धि पर मेरा आनंदित होना स्वाभाविक है।
साध्वी श्री अपने जीवन में सम्यग् ज्ञान, दर्शन एवं चारित्र रूपी रत्नत्रयी की साधना के शिखर को छूने के प्रयास में नित्य नयी ऊँचाईयों को स्पर्श कर शासन प्रभावना करती रहें, इसी शुभेच्छा के साथ...
- कर्नल दलपतसिंह बया श्रेयस्
ई-26, भूपालपुरा, उदयपुर (राज.)
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