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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only क्रमांक प्रतिष्ठा सम्वत् माह, तिथि, दिन लेख का स्वरूप प्राप्तिस्थान सन्दर्भग्रन्थ १६७६ फाल्गुन सुदि २ गुरुवार हाथी पोल दरवाजा के ऊपर हाथीपोल दरवाजा, | वही, लेखांक ३१० एवं उत्कीर्ण ३१पंक्तियों का शिला- शत्रुअय श.गि द., लेखांक १९. लेख जिसमें कल्याणसागरसूरि तक की अंचलगच्छ की गुर्वावली दी गयी है। ३१. १६७६ ३७ पंक्तियों का अन्यन्त शांतिनाथ जिनालय, | जै.ले.सं., भाग २, लेखांक महत्त्वपूर्ण शिलालेख जामनगर १७८१ एवं अंले.सं., लेखांक ३१२. . १६८१ आषाढ़ सुदि ७ रविवार धातु की जिनप्रतिमा पर मुनिसुव्रत जिनालय, जै.धा.प्र.ले.सं., भाग २, उत्कीर्ण लेख बोलपीपलो, खंभात लेखांक ११०८ एवं अंले.सं., लेखांक १३१. ३३. | १६८३ ज्येष्ठ सुदि ६ गुरुवार सुमतिनाथ की प्रतिमा पर | भीड़भंजन पार्श्वनाथ जै.धा.प्र.ले.सं., भाग २, उत्कीर्ण लेख (श्रीपार्श्व ने इस | जिनालय, खेड़ा लेखांक ४४२ एवं अंले.सं., प्रतिमा को चन्द्रप्रभ का लेखांक ३१४. बतलाया है) १६८३ तिथिविहीन शिलालेख विमलवसही ढूंक, शत्रुजय अले.सं., लेखांक ३१५. ३५. १७०२ | मार्गशीर्ष सुदि ६ शुक्रवार | आदिनाथ की प्रतिमा पर सुमतिनाथ जिनालय, जै.ले.सं., भाग २, लेखांक उत्कीर्ण लेख माधवलाल बाबू की धर्म- १७४३, अंले.सं., लेखांक अचलगच्छ का इतिहास www.jainelibrary.org
SR No.003612
Book TitleAchalgaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2001
Total Pages240
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size8 MB
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