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________________ जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास ७८. ७६. ८०. ८१. ८२. ८३. ८४. ८५. ८६. ८७. ८५. ८६. {c. | ६::. ६३. ६४. ६५. ६६. €19. जैन राका (कुमारी) जैन राजकुमारी जैन शान्ता ( मुमुक्षु) जैन पुराण ६. ६८. Jain Shanti जैन श्रद्धा (कु० ) जैन, सीमा जैन सुनीता जैन, सुषमा Bothra Pushpa जैन मंजुबाला (श्रीमती) Shah, Jagrutian (smt) Shah, Rekha K. श्रीमाल, पूर्णिमा जैन, अनीता रानी जैन, ज्योति जैन नीलम (श्रीमती) जैन नीलम (कुमारी) जैन रूक्मणि जैन, रूबी जैन, लक्ष्मी जैन वन्दना Jain Education International जैन परम्परा में स्वामी समन्तभद्राचार्य का योगदान कानपुर ... अप्रकाशित । जैन दर्शन में ज्ञान का स्वरूप राजस्थान, १६७८, अप्रकाशित । नि. - डॉ. नन्दकिशोर शर्मा । श्याः एक विवेचनात्मक अध्ययन लाडनूं, १६६३, प्रकाशित 'लेश्या और मनोविज्ञान' नाम से प्रकाशित प्रका.:- जैन विश्व भारती, लाडनूँ- ३४१३०६ प्रथम १६६६ / १५०.०० Jaina mysticism Udaipur, 1974, Unpublished. जैन धर्म में मोक्ष की अवधारण वनस्थली, २००२ अप्रकाशित नि० - प्रो. प्रेमा राम सर्वार्थ सिद्धि का दार्शनिक परिशीलन, बरेली १६६४ प्रकाशित, डॉ. जी.एस. गुप्ता प्रका. - आ. ज्ञा. केन्द्र, व्यावार (राज.) प्रथम ... / ५००. नि० - 00 जैन धर्म में मार्गणा स्थान जबलपुर, २००३, अप्रकाशित । नि.- डॉ. आर. एस. त्रिवेदी, दु. वि. वि., जबलपुर । जैन न्याय सम्मत स्मति प्रत्यभिज्ञा तथा तर्क प्रमाणों का अनुशीलन सागर १६६१ अप्रकाशित नि०. - डॉ. गणेशीलाल । 691 The Jaina. Theory of Perception Kolkata, 1970, Published Sup. Dr. J. N. Mohanty, Burdwan. प्रशमरतिप्रकरण का समालोचनात्मक अध्ययन बिहार, १६६३, अप्रकाशित । नि० - डॉ. लाल चन्द जैन Jain Darshan Vicharana Gujarat (L.D. Institute), 1990,... Sup.-pt. D.D. Malvania. The Jaina Conception of Atman Gujarat (L.D. Institute), 1985,.... Sup- Dr. N. J. Shah. प्रशमरति और उमास्वाति का एक समीक्षात्मक - वैज्ञानिक अध्ययन | राजस्थान, १९३०, अप्रकाशित । जिनसेन कृत आदि पुराण का समीक्षात्मक अध्ययन मेरठ, १६६५, अप्रकाशित ि डॉ. सभापति शास्त्री, साहिबाबाद ( उ० प्र०) आदिपुराण का समालोचनात्मक अध्ययन | आगरा, १६६६, अप्रकाशित नि . - डॉ. (श्रीमती) विद्यावती मिश्र, रीडर, क. मु. विद्यापीठ, आगरा । आचार्य रविषेण कृत पद्मपुराणः एक पर्यालोचन मेरठ, १६८७, अप्रकाशित । वेदव्यास एवं जिनसेन कृत हरिवंशपुराणों का तुलनात्मक अध्ययन लखनऊ, २००४, अप्रकाशित | हरिवंशपुराण का सांस्कृतिक अध्ययन रायपुर, १६७७ अप्रकाशित शुभचन्द्रकृत पाण्डव पुराण का समीक्षात्मक अध्ययन । मेरठ, १६६३, अप्रकाशित नि.- डॉ. कैलाशचन्द जैन, सहारनपुर । जैन हरिवंशपुराण का सांस्कृतिक अध्ययन सागर, १६७८, अप्रकाशित नि.- डॉ. के. डी. वाजपेयी । जैन संस्कृत पुराणों में निहित पुराकथाओं के स्त्रोत एवं स्वरूप जयपुर, १६६६ अप्रकाशित नि० - डॉ. विनय कुमार जैन, जयपुर । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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