________________
जैन श्राविकाओं का बृहद इतिहास
-
श्रीमान् सी.पी. जैन की धर्मपत्नी हैं। आपने मनोविज्ञान तथा संस्कत में डबल एम. ए., बी. एड., एम.एड, तथा पी. एच. डी. की शिक्षा प्राप्त की है। आपने मादीपुर में प्रशिक्षण केंद्र खुलवाया जिसमें अनुसूचित जाति की महिलाओं, बच्चों एवं भाई-बहनों को कम शुल्क पर कम्प्यूटर प्रशिक्षण, शॉर्ट-हैंड टाईप, इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स, सिलाई-कढ़ाई, ड्रेस डिजाईनिंग आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। आपने 'स्ट्रेटिजीस डैट फेसिलिटेट द सस्टैंड पार्टिसिपेशन ऑफ शेड्यूल कास्ट विमेन इन एडल्ट एजूकेशन प्रोग्राम इन दिल्ली' इस विषय पर अपना शोध कार्य किया है। सामाजिक क्षेत्र में आप गुरू पदम सिलाई केंद्र (पश्चिमी विहार), एवं दिल्ली प्रदेश महिला संघ की मंत्री पद पर आसीन हैं। गुरू पदम प्रशिक्षण केंद्र ( पश्चिमी - विहार) की सलाहकार पद पर रहते हुए समाज को सेवाएँ दे रही हैं |
७.४७ श्रीमती पद्मा जैन :
643
आप श्रीमान् नाहरसिंहजी जैन तथा श्रीमती केवल जैन की सुपुत्री हैं। दिल्ली निवासी श्रीमान् विद्यासागर जी एवं श्रीमती रेशमदेवी की पुत्रवधु एवं श्रीमान् होशियारसिंह जैन की धर्मपत्नी हैं। श्रीमती पद्मा जैन ने एल. एल. बी. तक की शिक्षा दिल्ली शहर में संपन्न की। आप प्रैसीडेंट ऑफ इंडिया की सरकारी वकील रही हैं, साथ ही विमन लॉयर्स कॉफ्रैंस दिल्ली में सात आठ वर्षो तक सचिव पद पर प्रतिष्ठित रह चुकी हैं। इनके कार्यकाल में महिला कोर्ट ने महिलाओं के लिए चुनावी मैदानों में आरक्षण प्रदान किये। कोर्ट में आपने बीमारी, उच्च शिक्षा तथा विवाह आदि में सहयोग देने के लिए एक छोटा सा क्लब भी बनाया है। शक्तिनगर दिल्ली में आप कई बार महिला मंडल के अध्यक्ष पद पर रह चुकी हैं। आपने बचपन रुही पंजाब प्रवर्तिनी पूज्य केसरदेवी जी म.सा. से धर्म का बोध प्राप्त किया है। सामायिक, स्वाध्याय आदि नियमों का निर्वाह करती हुई आप प्रसन्नता पूर्वक जीवन व्यतीत कर रही हैं। आप दिल्ली की प्रथम जैन महिला वकील हैं । ४१
७.४८ श्रीमती मनोरमा जैन :
आप दिल्ली निवासी हैं। श्रीमती मनोरमा जैन के माता-पिता मेरठ निवासी श्रीमती बसंती देवी जैन एवं राय बहादुर उल्फतराय जैन हैं। आपका जन्म १६३० का है। आपने बी.ए., एम.ए., पी.एच.डी., एल.एल.बी. तक की शिक्षाएँ प्राप्त की हैं। आप धार्मिक विचारों की महिला है। अपने लगभग सभी बड़े तीर्थों की यात्रा की है। देवदर्शन, स्वाध्याय आदि में भी आपकी रूचि है । ४२ ७.४६ कुमारी कुंदलता :
आप दिल्ली निवासी स्वर्गीय मेहताब सिंह जैन की सुपुत्री हैं। आपकी उम्र ३५ वर्ष की है। ब्रह्मचर्य व्रत अंगीकार करके आप ब्रह्मचारिणी का जीवन व्यतीत कर रही हैं। आपने एम.ए. तथा एल. एल. बी. तक की शिक्षा ग्रहण की है । रयाय तथा लेखन कार्य में आपकी विशेष रूचि है। वर्तमान में आप दिगंबर शास्त्रों पर प्रवचन लेखन के कार्य में संलग्न हैं । ४३
७.५० श्रीमती रमा रानी जैन :
आपका जन्म १४ जुलाई सन् १९७१ को कलकत्ता निवासी डालमिया परिवार में हुआ था। आप साहू श्री शांति प्रसाद जैन की धर्मपत्नी थी। आपकी शिक्षा राष्ट्रभक्त श्री जमनालाल बजाज जैन और बापू गांधी के सान्निध्य में हुई, जिसके कारण आपके हृदय में लोक कल्याण की भावना घर कर गई। श्रीमती रमारानी जी पति के प्रत्येक कार्यों में सहयोग करती थी। आप उदारता, सहिष्णुता और संवेदनशीलता के गुणों से भरपूर थी । साहित्य और संस्कति के प्रति आपकी विशेष अभिरूचि थी। आपने सैंकड़ों ग्रंथों का संपादन और प्रकाशन कराया। आपने जैन धर्म के अनेक प्राचीन ग्रंथों का संपादन किया । ८ जनवरी सन् १९४४ को आपने ज्ञान पीठ की स्थापना की। देश को सांस्कतिक और साहित्यिक पहचान दी तथा ज्ञान पीठ की अध्यक्षता पद पर रहकर सेवायें अर्पित करती रही। मैसूर विश्व विद्यालय की जैन विद्या और प्राकत अध्ययन, अनुसंधान पीठ की स्थापना भी आपके द्वारा हुई जिसकी आप मेनेजिंग ट्रस्टी होने के कारण शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वर्तमान में इस ट्रस्ट के माध्यम से जैन तीर्थों का विकास भी हो रहा है। आपने १६४६ में 'ज्ञानोदय' मासिक पत्र का प्रकाशन भी कराया । ४४
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org