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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
| क्र०
संवत्
श्राविका नाम
। वंश/गोत्र
संदर्भ ग्रंथ
प्रेरक/प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य
प्रतिमा निर्माण
आदि
| 1291
| 1710 | नानी पठनार्थ
सूत्र
श्री. प्र. सं.
219
दषवैकालिक स्तबक
| 1292
102
1789 | केषीनी पठनार्थ | 1715 | गोरबाई, वीरबाई
1293
225
दीसावाल ज्ञा. | बलभद्र द्वारा लिखित श्री. भगवतीसूत्रम् श्री. प्र. सं.
श्री उतराध्ययन सूत्र श्री. प्र. सं.
(नियुक्ति) ओसवंष ज्ञा. भवप्रभसूरि को प्रदान की | सचित्र सुवर्णाक्षरमय | श्री. प्र. सं. खंडेलवाल आचार्य षुभचंद्र ने पदमपुराण
श्री. प्र. सं. | भौंसागोत्र लिखवाया
1294
291
1295
11751
28
| 1775 | श्रीखल्ल आदि ने
बहुरंगदे, लाडी, हीरादे, आदि ने दषलक्षण व्रत उद्यापनार्थ
1704 | धनबाइ पठनार्थ
श्री
अवन्तिसुकुमाल | श्री. प्र. सं.
216
रास
1297
1795 | बाई कीना पठनार्थ | 1821 | टबकू, रामा, जीवणि
1298
1299
1864 | स्वरूपने
वही
119
श्री विनयहंस ने लिखा | श्री उपदेशमाला ग्रंथ | श्री. प्र. सं. 225 प्रा. ज्ञा. |श्री लक्ष्मीसागरसूरि भ. श्री चंद्रप्रभु जी |जे. जै. ले. सं. भा. | 60
2 उसवाल वंष | श्री जिनहर्षसूरि नाहटा गोत्र बृहत्खरतर ऊस वंष श्री षांतिसागर सूरि भ. श्री सुमतिनाथ जी | वही
116 ऊसवंष श्री जिनचंद्रसूरि भ. श्री वर्धमान जी वही
135 चोराडिया गोत्र
1298
1824 महतावो
1299
11888 ननी
1300
1877 | गिलहरी
ऊसवं डागाश्री जिनचंद्रसूरि
भ. श्री पार्श्वनाथ जी | वही
136
गोत्र
उसवंष
1438
1301 1302
1888 | फूना 1822 | केसर
श्री जिनचंद्रसूरि श्री सकलसूरि
| भ. श्री आदिनाथ जी वही | भ. श्री संभवनाथ जी | वही
208
ओ. ज्ञा. साऊं सुखा गोत्र ओसवाल ज्ञा. आदि गोत्र
1303
1827 | गुलाबकुवर
भ. श्री पार्श्वनाथ जी | वही
208
1304
श्री विजयराजसूरि
भ. श्री पार्श्वनाथ जी
वही
212
1808 | दामो बीबी 1839 | बीबी. सताबो
1305
चरण
219
ओसवाल वंष वीराणी गोत्र
1306
1889 | नानकी
भ. श्री सुपार्श्वनाथ
224
जी
1307
1887 | लक्ष्मी बीबी
भ. श्री पार्श्वनाथ जी | वही
223
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