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संवत्
1692 जीवादे पठनार्थ
श्राविका नाम
1665जीवादे सुबोधार्थ
1668 तडनायक
1675 राजलदेवी
1625 दाड़िमदे ने परिजनों
सहित लिखवाया
1616 मानी, श्रेयार्थ लिखा गया
1601 कान्हमती
1672 डीबू, धन्नादे, कुंयरि आदि ओस वंष ने लिखवाया
1615
कीकाइ, नाकू, श्रीबाइ, | वीराइ, पुराइ आदि 1669 कोडिमदेवी
1872 कुंयरि, डीबू आदि ने स्व
श्रेयार्थ लिखवाया
1672 रतनादे, कमलादे, आदि ने
स्वपुण्यार्थ लिखवाया
1672 कमलादे ने स्वश्रेयार्थ लिखवाया
1740 सुंदरबाई, वाहालबाई
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वंश / गोत्र
हुंबड ज्ञा.
प्रा. ज्ञा.
प्रा. ज्ञा.
उपकेष ज्ञा.
भंसाली गोत्र
ओसवंष
प्रेरक / प्रतिष्ठापक
गच्छ / आचार्य
पं. जयवंत लिखित
विनिधान लिखित
बाई हीरो द्वारा लिखित
साधुजनों के पठनार्थ
क्षेमकीर्तिगणि को प्रदान
की
संयमरत्नसूर (आगमगच्छ) प्रेरक
संयमरत्नसूर (आगमगच्छ) प्रेरक
साहू रत्ना प्रेरक है
श्री आनंदमेरू (पीपलगच्छ)
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प्रतिमा निर्माण
आदि सीमधर स्वामी स्तवन जै. गु. क. भा. 1
18 कडी
सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ
14 गुणस्थान बंधविज्ञप्ति (पार्श्वनाथ )
स्तवन, 19 कडी वर्द्धमान पुराण
भट्टारक सकलचंद्र
को प्रदान किया
आदिनाथ जी का चौमुखा मंदिर
बनवाया
श्री स्थानांगसूत्रम्
कल्पसूत्र सटीक
विपाक सूत्र
श्री भगवती सूत्रम्
श्री उतराध्ययन सूत्र
दशवैकालिक सूत्र
अनुयोगद्वार सूत्र
नंदी सूत्र
संदर्भ ग्रंथ
कल्पसूत्र व्याख्यान तथा कालकसूरि
भास.
जै. गु. क. भ. 3
पं. चं. अ. प्र. पृ.
प्रा. जै. स्मारक. पृ.
जै. सि. भ. 1936 श्री. प्र. सं. पृ.
श्री. प्र. सं. पृ.
श्री. प्र. सं. पृ.
श्री. प्र. सं. पृ.
श्री. प्र. सं. पृ.
श्री. प्र. सं. पृ.
श्री. प्र. सं. पृ.
जै. गु. क. भा. 1
पृ.
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