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जैन श्राविकाओं का बृहद इतिहास
क्र०
संवत् ।
श्राविका नाम
वंश/गोत्र
संदर्भ ग्रंथ
1131 | 1671 | रेख श्री.
134
लोढ़ा गोत्र उसवाल ज्ञा.
प्रेरक/प्रतिष्ठापक | प्रतिमा निर्माण गच्छ / आचार्य
आदि श्री कल्याण सागरसूरि | जिन प्रतिमा अंचलगच्छ श्री कल्याण सागरसूरि | जिन प्रतिमा अंचलगच्छ
-
1132
1671 | रेख श्री.
वही
134
लोढ़ा गोत्र उसवाल ज्ञा.
कर्मकांड सटीक
प्र. सं.
97
1133 | 1622 | खिमाई, मांडणदे, अग्रोत वांसल
पुष्पांजली व्रत उद्यापनार्थ गोत्र
लिखवाया 1134 1674 ललतादे, धारादे, कुसभदे | खंडेलवाल
आदि ने लिखवाया अजमेरा गोत्र 1135 | 1661 धनसिरि, गात्रा
खंडेलवाल गोधा गोत्र
नेमिनाथ पुराण
हरिवंशपुराण
|प्र. सं.
आचार्य सिंहनंदि
हरिवंशपुराण
पसं
प्र. सं.
1136 | 1645 | कलही, नापु, दामु, हेमलदे | खंडेलवाल
आदि ने लिखवाया कासलीवाल
गोत्र
परमेष्ठी प्रकाशसार
प्र. सं.
127
परमेष्ठी प्रकाशसार
प्र. सं.
1137 | 1602 | नाऊ, हरखू, पूरा, लाड़ी,
| अजमेरा
श्री कमलकीर्ति को षीला आदि ने लिखवाया | माहरोव्यागोत्री प्रदान किया 1138 1636 | रयणादे, पौसिरि, कपूरदे, खंडेलवाल आचार्य श्री हेमचंद
नवलादे आदि ने लिखवाया षोडषकारण व्रत उद्यापनार्थ होली, लाछी, श्रृंगारदे, खंडेलवाल ललितकीर्ति द्वारा हटू, हीरा आदि ने
लिखित लिखवाया दष. लक्षणव्रत उद्यापनार्थ
परमेष्ठी प्रकाशसार
प्र. सं.
126
1140 | 1659भाना
1141 | 1675 | कनकादे
| श्री जिनराजसूरि
कालिकाचार्य कथा - | केट. आ. सं. ए. 254
प्रा. मेनु भ. श्री चिंतामणि जे. के.प्रा. जै. ग्रं. | 27 पार्श्वनाथ जी भं. की हस्त सूची भ. श्री अजितनाथ | वही.
1142
1675 | कनकादे
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.
श्री जिनराजसूरि
जी
1143
1693 | कनकादेवी
| श्री जिनराजसूरि श्री जिनराजसूरि
पार्श्वनाथ देवगृह. आदिनाथ देवगृह
वही वही ।
1144
1693
| सुहागदेवी
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