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सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ
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क्र०
संवत् ।
श्राविका नाम
वंश/गोत्र
प्रेरक/प्रतिष्ठापक । गच्छ / आचार्य
प्रतिमा निर्माण | संदर्भ ग्रंथ
आदि
1079
1675
उधा.
सिद्धयंत्र
जै. सि. भा. 1936
30
खंडेलवाल सिंधिया गोत्र
मूलसंघ, भट्टा. श्री विशाल कीर्ति की परंपरा
31
1080|1676 | बोपाई, चंद्राई . हंसाई
आदिनाथ, पार्श्वनाथ | जै. सि. भा. 1947 | 131
| काष्ठासंघ, नंदीगच्छ मुनि श्री भूषण
| लाड़वागच्छ, काष्ठासंघ, बोरखंडगोत्र, वघेरवाल ज्ञा.
10811683 | प्यारो.
जै. सि. भा. 1936 | 31
गोलालारान्वये खरौआ ज्ञा. कुलहा गोत्र मूलसंघ गोलारान्वये खरौआ ज्ञा. कुलहा गोत्र
1082 | 1686 | प्यारो, दर्षनदे, खिमोति,
मथरा, सुंदरि, हिमोति केवलदे, परिमलदे
जै. सि. भा. 1935 - 17
सम्यकचरित्र यंत्र (व्रत उद्यापनार्थ)
10831637 | स्वरूपदे
गोधा गोत्र
128
खं, जै. सं. का बृ इति.
10841690 | बाई तेजश्री
182
खं. जै. सं. का बृ इति.
1085
1601 रजमती
जैसवाल
जै. सि. भा. 1936 | 31
मूलसंघ श्री पद्मकीर्ति
षोडशकारण यंत्र
जै. सि. भा. 1935
| 12
10861609 | सावाई, षिवबाई 1087 1609 | सावाई, षिव 1088 | 1628 | तूरा, माणिकदेवी, भानी
राहत ज्ञा.
| जै. सि. भा. 1936
|
32
जैसवाल
जै. सि. भा. 1935
| 13
काष्ठासंघ भानुकीर्ति की | आदिनाथ षिष्या
1089
1628 | भानी
जैसवाल.
|जै. सि. भा. 1936 | 31
काष्ठासंघ
जै. सि. भा. 1940
84
1090 | 1641 | मेघा, रूपिणी, देविला 10911642 | जान्ही
जै. सि. भा. 1936
30
वासिल गोत्र अग्रोत, काष्ठासंघ
1092 | 1642 | जाही
वासलगोत्र
दषलक्षणधर्म यंत्र
जै. सि. भा. 1935
| 12
काष्ठासंघ हेमचंद्र की आम्नाय के.
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