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________________ 608 सोलहवीं से 20वीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ - क्र० संवत् । श्राविका नाम वंश/गोत्र प्रेरक/प्रतिष्ठापक । गच्छ / आचार्य प्रतिमा निर्माण | संदर्भ ग्रंथ आदि 1079 1675 उधा. सिद्धयंत्र जै. सि. भा. 1936 30 खंडेलवाल सिंधिया गोत्र मूलसंघ, भट्टा. श्री विशाल कीर्ति की परंपरा 31 1080|1676 | बोपाई, चंद्राई . हंसाई आदिनाथ, पार्श्वनाथ | जै. सि. भा. 1947 | 131 | काष्ठासंघ, नंदीगच्छ मुनि श्री भूषण | लाड़वागच्छ, काष्ठासंघ, बोरखंडगोत्र, वघेरवाल ज्ञा. 10811683 | प्यारो. जै. सि. भा. 1936 | 31 गोलालारान्वये खरौआ ज्ञा. कुलहा गोत्र मूलसंघ गोलारान्वये खरौआ ज्ञा. कुलहा गोत्र 1082 | 1686 | प्यारो, दर्षनदे, खिमोति, मथरा, सुंदरि, हिमोति केवलदे, परिमलदे जै. सि. भा. 1935 - 17 सम्यकचरित्र यंत्र (व्रत उद्यापनार्थ) 10831637 | स्वरूपदे गोधा गोत्र 128 खं, जै. सं. का बृ इति. 10841690 | बाई तेजश्री 182 खं. जै. सं. का बृ इति. 1085 1601 रजमती जैसवाल जै. सि. भा. 1936 | 31 मूलसंघ श्री पद्मकीर्ति षोडशकारण यंत्र जै. सि. भा. 1935 | 12 10861609 | सावाई, षिवबाई 1087 1609 | सावाई, षिव 1088 | 1628 | तूरा, माणिकदेवी, भानी राहत ज्ञा. | जै. सि. भा. 1936 | 32 जैसवाल जै. सि. भा. 1935 | 13 काष्ठासंघ भानुकीर्ति की | आदिनाथ षिष्या 1089 1628 | भानी जैसवाल. |जै. सि. भा. 1936 | 31 काष्ठासंघ जै. सि. भा. 1940 84 1090 | 1641 | मेघा, रूपिणी, देविला 10911642 | जान्ही जै. सि. भा. 1936 30 वासिल गोत्र अग्रोत, काष्ठासंघ 1092 | 1642 | जाही वासलगोत्र दषलक्षणधर्म यंत्र जै. सि. भा. 1935 | 12 काष्ठासंघ हेमचंद्र की आम्नाय के. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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