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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
क्र०
संवत् | श्राविका नाम
वंश/गोत्र
आदि
1945
1584 | पोपदि, नारीगदे
प्रा.ज्ञा
प्रेरक/प्रतिष्ठापक | प्रतिमा निर्माण संदर्भ ग्रंथ
गच्छ/आचार्य तपा. सौभाग्यनंदीसूरी भ. श्री श्रेयांसनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
| जी तपा. आणंदविमलसूरि भ. श्री आदिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
1946 | 1585 | कमलादे
उकेष. ज्ञा
1947 | 1585 कपूरदे, वीहादे, उसवाल ज्ञज्ञ
हीरादे 1948 | 1586 | रूली, वीराकेन, नाकू | भावसागर
| श्रीसूरि
भ. श्री आदिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
जी वृद्धतपा श्रीविद्याधनसूरि | भ. श्री पदमप्रभु | दि.जै.इ.इ.अ.
जी तपा सौभाग्यहर्ष भ. श्री संभवनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
जी | आगम उदयरत्नसूरि भ. श्री धर्मनाथ जी दि.जै.इ.इ.अ.
1949
1587 | जीवी
प्रा. ज्ञा
1950 | 1587 | पीमादे जाल्हणदे
श्री. श्री
1951
1587 | रूपाई, लालू
श्री. श्रीवंष
अंचल गुणनिधानसूरि
भ. श्री आदिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
जी
1952 | 1587 | हेमांदे सूहवदे
श्री. श्री
पूर्णिमा मुनिचंद्रसूरि
भ. श्री अजितनाथ| दि.जै.इ.इ.अ. जी भ. श्री विमलनाथ दि.जै.इ.इ.अ.
1953 | 1587 | हर्षादे, पूरी
श्री. श्री
गुरू
जी
1954 | 1587
धीरणि, पूरी
ऊकेष, वंष
अंचल गुणसुंदरसूरि
भ. श्री अनंतनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
1955 | 1588 | जीवी, जाकू
प्रा. ज्ञा
सौभाग्यनंदीसूरी
भ. श्री अभिनंदन दि.जै.इ.इ.अ. जी भ. श्री विमलनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
1956
1589 | अमरी, मानू
श्री. श्री
चैत्र विजयदेवसूरि
जी
1957
1589 | पुडली, पूंगी
उकेष. देवगुप्तसूरी
भ. श्री चंद्रप्रभु जी| दि.जै.इ.इ.अ.
1958
| 1589 | भावलदे
प्रा. ज्ञा
तपा. सौभाग्यनंदिसूरि
भ. श्री आदिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
जी
1959
| 1591
उसवंष
कक्कसूरी
भ. श्री आदिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
टीबू, सूहवदे,
ललितदे | पीनलदे, दीवी
जी
1960
| 1591
श्री. श्री
| पूर्णिमा. मुनिचंद्रसूरी
भ. श्री शांतिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
जी
1961 | 1596
जइती
उकेष. ज्ञा
तपा. विजयदानसूरी
| भ. श्री श्रेयांसनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
जी
1962
A
तपा. विजयदानसूरी
1596 | पुहती, वीरादे, श्रीबाई | प्रा. ज्ञा
| भ. श्री पार्श्वनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
जी
1963
1596 | अमरादे
प्रा. ज्ञा
तपा. सोमचंद्रसूरी
भ. श्री अभिनंदन | दि.जै.इ.इ.अ.
जी
1964 | 1596 | अमरादे हेमादे
प्रा. ज्ञा
साधुपूर्णिमा विद्याचंद्रसूरी | भ. श्री अरनाथ जी दि.जै.इ.इ.अ.
1965 | 1599 | वना, रत्नादे
प्रा. ज्ञा
श्रीसूरि
भ. श्री आदिनाथ | दि.जै.इ.इ.अ.
1966
1537 | रामति
श्री. वीर वर्ष
अंचल श्री जयकेसरी
| भ. श्री अनंतनाथ | दि.जै.इ.इ.अ. | जी
| सरि
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