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________________ आठवीं से पंद्रहवीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ भा संवत् श्राविका नाम अवदान संदर्भ ग्रंथ 1067 1459 | सिंहजलदे श्री आदिनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 1068 | 1459 | कस्मीरादे वंश/गोत्र प्रेरक/प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य आगमिकगच्छ श्री श्रीमालज्ञातीय | मुनिसिंह सूरि श्री उदयदेवसूरि श्रीमालज्ञातीय भावडारगच्छ श्री विजय सिंह सूरि श्रीमालज्ञातीय श्री मालज्ञातीय | सूरि के उपदेश से श्री शांतिनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 17 1069 | 1462 | लखमादे श्री संभवनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 1070 | 1464 | गामी, श्रेयार्थ पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 18 श्री शांतिनाथ पंचतीर्थी श्री आदिनाथ 1071 | 1465 | नाउ पुत्र प्राग्वाट्ज्ञातीय श्री शीलचंद्रसूरि पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 18 1072 | 1465 | कर्मणि पुत्र प्राग्वाट्ज्ञातीय | श्री देवसुंदर सूरि श्री पार्श्वनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 18 1073 | 1465 | उत्तमदे, लाछू शांतिसूरि पट्ट के श्री श्री शीतलनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.सं. सूरि 1074 | 1465] मेघा भंडारी धर्मघोष श्री पद्मचंद्रसूरि | आदिनाथ | पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 18 1075 | 1465 | मातृसमूलदे श्रेयार्थ शांतिनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 18 1076 | 1465 | कपूरदे आदिनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.सं. श्रीमालज्ञातीय श्री नागरगच्छ श्री गुणसागरसूरि प्रागवाट्ज्ञातीय | रत्नाकरगच्छ श्री रत्नसागरसूरि श्रीमलयचंद्रसूरि श्रीमालज्ञातीय प्राग्वाट्ज्ञातीय | रत्नसागरसूरि 1077 | 1465 | सइजलदे आदिनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 19 आदिनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 19 1078 1466 | बाइ. कपूरदे पुत्री वाछा आका 1079 | 1466 | सइजलदे पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 19 श्री श्रीमाल श्रीमलयचंद्रसूरि आदिनाथ ज्ञातीय उपकेष ज्ञातीय | कोरंटगच्छ के नन्नसूरि | श्री संभवनाथ 1080 | 1466 | भावलदे, पुत्रवधू ष्याणी पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 1081 | 1466 | भावलदे, बाई राजू श्री वासुपूज्य | पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 1082 1466 मेघा श्री शीतलनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 19 1083 | 1466 | मेघू भावनादेवी श्री शीतलनाथ | पा.जै.धा.प्र.ले.सं. उपकेष ज्ञातीय | कोरंटगच्छ के भी नन्नसूरि हूंबड ज्ञातीय नरेंद्र कीर्तिगुरू के उपदेष से उसि वाल श्री धर्मघोष गच्छ के ज्ञातीय कमलचंद्रसूरि मंडोरागोत्र प्राग्वाट्ज्ञातीय तपागच्छ नायक श्री देवसुंदर सूरि पिप्पलगच्छ के श्री श्रीमालज्ञातीय धर्मप्रभसूरि | तपागच्छ श्री रत्नसूरि 1084 | 1468 मीणलदे श्री अभिनंदन पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 20 1085 1468 | मातृदेवी श्री अजितनाथ पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 20 1086 1469 सलखा, हासलदे शांतिनाथ । पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 20 पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 20 1087 | 1469 | भा. देल्हणदे, हांसलदे, गउरदे 1088 1469 | बाई पुनादे पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 20 । ऊकेषवंष तपागच्छ के श्री सुमतिनाथ गुणरत्नसूरि श्रीमाल ज्ञातीयः | श्री चारित्रतिलक सूरि के | श्री शांतिनाथ उपदेष से प्राग्वाट्ज्ञातीय तपागच्छ के श्री कुंथुनाथ सोमसुंदर सूरि प्राग्वाट्ज्ञातीय अंचलगच्छ श्री महि सुमतिनाथ | तिलकसूरि के - -- For Pivate &Personal use only 1089 | 1470| माजु पा.जै.धा.प्र.ले.सं. 21 1090 | 1471 | धारसीह प्रीमलदे पा.ज.धा.प्र.ले.सं. 21 Jaduatoriem www.jainelibrary.org'
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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