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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
क
संवत् । श्राविका नाम
वंश/गोत्र
अवदान
संदर्भ ग्रंथ
7181484 | दुउ,काउ
वीरवंष
प्रेरक/प्रतिष्ठापक
गच्छ / आचार्य अंचल गच्छ श्री जयकीर्तिसूरि श्री गुणसागरसूरि
श्री सुमतिनाथ
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
719
1484 लाखणदे, पाअडे
श्री माल ज्ञा.
श्री नेमिनाथ
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
27
720
1484 प्रीमलदेवी, सोहगदेवी
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
28
श्री श्री माल चैत्रगच्छ के श्री
जिनदेवसूरि श्री श्रीमाल ज्ञा. श्री वीरचंद्रसूरि
श्री पद्मनाथ चतुर्विशति पट्ट श्री शांतिनाथ
7211484 धांधलदे
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
27
722 | 1484
संभलदे
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
28
श्री श्री माल ज्ञा. प्रा. ज्ञा.
7231484 | पद्मलदे, पाल्हणदे
चैत्रगच्छ के श्री पंचतीर्थी श्री जिनदेवसूरि
अजितनाथ तपागच्छाधिराज श्री श्री सुपार्श्वजिनचतु. सोमसुंदर सूरि विशतिपट्ट बृहद्गच्छ के श्री षुभचंद्र | पार्श्वनाथ
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
28
7241485| धारू, डाही,
उपगच्छ
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
| 28
725 | 1485 | विणलदेवी
श्री माल ज्ञा.
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
28
726
1485 | मोषलदे, मेषादे, घाई
प्रागवाट् ज्ञा.
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
29
| पूर्णिमापक्षीय मुनितिलक | पार्श्वनाथ सूरि पूर्णिमापक्ष भट्टारक श्री सुमतिनाथ गुणदेव सूरि श्री संडेर गच्छ श्री आदिनाथ शांतिसूरि धारापद्रीय श्री सूरि | शीतलनाथ
7271485 | लीलादे
ऊकेश वंष
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
728| 1485 | चांपलदे, पहासु
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
29
श्री श्री माल ज्ञा. प्रागवाट ज्ञा.
729 | 1485 | करमी, लहिक
तपागच्छ श्री सोमसुंदर | षांतिनाथ
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
सूरि
7301485 साहगदे
| पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
7311486| झबकू जासुआ
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
29
प्राग्वाट ज्ञातीय | तपागच्छ श्री
श्री पद्मप्रभु सोमसुंदरसूरि उपकेष ज्ञातीय | उपकेष गच्छ के श्री । नमिनाथ
सिद्धिसूरि श्री श्री माल उपकेष गच्छ
मुनिसुव्रतनाथ ज्ञातीय ककुदाचार्य, संतान श्री
सिंहसूरि प्रागवाट् ज्ञातीय | तपागच्छ श्री सोमसुंदर | शांतिनाथ
732 | 1486 | सूहवदे, पांची
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
30
a
733 | 1486 | गांगी, धीरू, पूरी, रतना
sdiनी, धीक. पूरी, रतना प्रागवाट जातीय तिपालक श्री सोमसूदर शातिनाथ
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
30
सूरि
734
1486 | छाड़ी, तोल्हाही
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
| 30
उपकेष ज्ञातीय, | श्री सिंहसूरि जी अजितनाथ आदित्य नाग गोत्र श्रीमाल ज्ञातीय | ऊकेष गच्छ श्री देवगुप्त | विमलनाथ
735 | 1486 / लूली
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
30
सूरि
736
1486 | खेतलदे, राणी
मुनिसुव्रतस्वामी
| पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
737
1486 | कुंतादेवी
पार्श्वनाथ
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
30
प्राग्वाट ज्ञातीय | तपागच्छ के श्री
पार्श्वमूर्तिगणि उसवाल ज्ञातीय | खरतरगच्छ के श्री
जिनचंद्र सूरि श्री श्री माल पूर्णिमापक्ष श्री ज्ञातीय मुनितिलक सूरि श्री श्री माल आगमगच्छ श्री ज्ञातीय हेमरत्नसूरि
738 | 1487 | धांधलदे
आदिनाथ गंचतीर्थी
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
30
739 | 1487 | नायकदे, मारू
सुमतिनाथ
पा.जै.धा.प्र.ले.सं.
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