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________________ जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास 319 क्र संवत् श्राविका नाम अवदान संदर्भ ग्रंथ वंश/गोत्र प्रेरक/प्रतिष्ठापक प्रतिष्ठापक गच्छ / आचार्य श्रीमाल ज्ञातीय | अभय देव सूरि 400 | 1432 | सूमलदे शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 401 1437 | मेघी ओस हेमतिलक सूरि विमलनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. | 1438 | मयणली, लमादे मयणली देवेन्द्र सूरि महावीर अ.प.जै.धा.प्र.म. 403 1439 | नागलदे ऊकेष ज्ञा. अजितसूरि पार्श्वनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 4041440| कमला उपकेष वंष सागरचंद्र सूरि शांतिनाथ पंचतीर्थी अ.प.जै.धा.प्र.म. 4051446 रूपी प्रागवाट वंष उदयानंद सूरि शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 4061 1446 | पाल्ह श्रेयार्थ प्रागवाट् ज्ञा. कमलचंद्रसूरि अजितनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 407 1446 | अनुपम उपुर गोत्र देवगुप्त सूरि शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. | 1449 | षेतलदे श्री श्रीमाल उदयदेवसूरि संभवनाथ 8 अ.प.जै.धा.प्र.म. | षीमश्री उपकेष ज्ञा. देवसूरि वासुपूज्य अ.प.जै.धा.प्र.म. 410 1451 | दीमी श्रीमाल ज्ञा. अमर सिंह उप शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. | 1453 | माहूलणदे श्री श्रीमाल ज्ञा. गुणप्रभसूरि पार्श्वनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 412 | 1457 मोषलदे ...................... धर्मतिलक सूरि पार्श्वनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 413 | 1458 | ललतादे श्री श्रीमाल ज्ञा. | मुनिचंद्र सूरि वासुपूज्य अ.प.जै.धा.प्र.म. 414 | 1461 | चाहुलनदे श्री श्रीमाल ज्ञा | नागेन्द्रगच्छ शांति सूरि | नमिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 415 1464 | समूलदे गुर्जर ज्ञा. श्री सूरि पार्श्वनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 416 1466 | लाऊल देवी प्रागवाट्न न्नसूरि आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 417 | 146 | हालू प्रागवाट् ज्ञा. देवसुंदर सूरि पार्श्वनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 418 | 1468 | सहजनदे श्री श्रीमाल ज्ञा. | श्री सूरि शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 419 | 1468 | भीमणि ऊकेष गच्छीय | देवगुप्त सूरि शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. गो. 420 | 1424 | मालहण देवी, हेमादे ऊकेष/ नवलक्षा गोत्र | श्री जिनसागरसूरि 1244 4211486 | लावी, देवलदे | श्री सर्वानंद सूरि पार्श्वनाथ जै.धा.प्र.ले.सं. भाग-2 जै.धा.प्र.ले.सं. भाग-2 जै.धा.प्र.ले.सं. भाग-2 246 422 1486| मेला, देव्या श्री जिनचंद्रसूरि 245 www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only Jain Education International
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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