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आठवीं से पंद्रहवीं शताब्दी की जैन श्राविकाएँ
श्राविका नाम
वंश/ गोत्र
अवदान
संदर्भ ग्रंथ
प्रेरक/प्रतिष्ठापक
गच्छ / आचार्य भावदेवसूरि
376 | 1270 | वीन्ह
अजितनाथ
प्रा.ले.सं.भा..
377
1299 णिश्रेय
चंद्रसूरि
प्रतिमा
प्रा.ले.सं.भा.1
378
1325
श्री वासुदेव सूरि
आदिनाथ
प्रा.ले.सं.भा.1
379
1305 | सलषणदेवी रोहिणी
प्राग्वाट्ज्ञातीय श्री रत्नप्रभसूरि
श्री जिनप्रतिमा
प्रा.ले.सं.भा.1
3801339 | षेढी
| श्री गुणचंद्रसूरि
सुमतिनाथ
प्रा.ले.सं.भा.1
| 1339 नीनू माकू चापल |
श्री श्रीमालवंश | देवसूरि
श्री पार्श्वनाथ
प्रा.ले.सं.भा.1
| 1341 | झांझल देवी
श्रीसूरि
पार्श्वनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
383 | 1345 | सूमल
श्रीमालज्ञातीय
वासुपुज्य
अ.प.जै.धा.प्र.म.
384
1353 जासल
कमला कर सूरि
धर्मनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
देसावालज्ञातीय
385
1361 | विहलण देवी
विबुधप्रभसूरि
प्रतिमा
अ.प.जै.धा.प्र.म.
386
1369 | लालू
देवेन्द्रसूरि
शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
387 | 1382 | वींझू
नीमा वंष
सूरि
पार्श्वनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
388 | 1392 | संसारदे
सदगुरू
धर्मनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
389
| 1392 | भांवल
मोढ ज्ञातीय
गुणचंद्रसूरि
चंद्रप्रभु
अ.प.जै.धा.प्र.म.
390
| 1392 | मुंजाल
मोढ वंष
विबुधप्रभसूरि
नेमिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
3911402 रयणादे
ओस वंष
अ.प.जै.धा.प्र.म.
| नागेन्द्रगच्छ विनय प्रभ | विमलनाथ सूरि रत्नाकर सूरि पार्श्वनाथ
392 | 1404 | मालहणदेवी
प्रागवाट् ज्ञा.
अ.प.जै.धा.प्र.म.
393
1405 | नीमलदे
श्रीमाल
बुद्धिसागरसूरि
शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
3941414 | षीमिणि आलहणदे
| उप.
पिप्पलाचार्य वीर देवसूरि | आदिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
395
| 1415 | तिहुण श्री
चंद्रप्रभु
अ.प.जै.धा.प्र.म.
विणवट गोत्र | धर्मघोष गच्छ सर्वानन्द
सूरि प्रागवाट रत्नप्रभसूरि
396
1422 | चाहणि
पार्श्वनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
397
1423 | मालहणदे
श्रीमाल
अभयचंद्र सूरि
वासुपूज्य
अ.प.जै.धा.प्र.म.
398 | 1423 लाडी
मोढ ज्ञातीय
।
ललित प्रभसूरि
शांतिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
399
1427 | प्रीमलदेवी
प्राग्वाट्
आदिनाथ
अ.प.जै.धा.प्र.म.
मुनिषेखर सूरि (मल्लधारि)
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