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________________ जैन श्राविकाओं का बृहद इतिहास 303 संवत् श्राविका नाम वंश/गोत्र संदर्भ ग्रंथ 25 1364 | विमली दूगड प्रेरक/प्रतिष्ठापक | अवदान गच्छ / आचार्य मल्लधारि श्री तिलक श्री पार्श्वनाथ सूरि श्री सर्वदेव सूरि प्रतिमा अ.प.जै.धा.प्र.म. 26 | 1368 | तेहिण | अ.प.जै.धा.प्र.म. | 46 27 1373 | लखमणि प्राग्वाट् श्री रत्नाकर सूरि श्री आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. | 1373 | तिहुणा नाणकीय गच्छ श्री सिद्धसेन सूरि | प्रतिमा अ.प.जै.धा.प्र.म. 29 | 1374 | तेजलदेवी श्री पद्मचंद्र सूरि श्री महावीर अ.प.जै.धा.प्र.म. 30 1374| गोगड़ा श्री देव गुप्त सूरि पार्श्वनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 311374सिरियादे श्री शांतिसूरि श्री पार्श्वनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 321375 | सुमड देवी अंचल श्री मणिभद्र सूरि | श्री शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 33 1376 | जासू नाणकीय गच्छ | श्री सिद्धसेन सूरि श्री महावीर अ.प.जै.धा.प्र.म. 47 341379 | मोहिणिदे श्री मदन सूरि श्री शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 148 35 1379 | काली ऊकेश ज्ञातीय | मल्लधारी श्री तिलक | श्री शांतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. | सूरि 36 | 1380 | वीरी श्री देवभद्रसूरि आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 48 37 1384 | सुद्रजादे प्राग्वाट् ज्ञा. श्री रत्नप्रभ सूरि प्रतिमा अ.प.जै.धा.प्र.म. 49 381385 | लखणदेवी श्री रत्नाकर सूरि श्री पार्श्वनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 1438/काल्हणदे प्राग्वाट् ज्ञा. मडाहडीय श्री हरिभद्र श्री आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 40 | 1438 | सुहडादे, पूर्णनदे प्राग्वाट् ज्ञा. श्री वर्द्धमान सूरि श्री महावीर अ.प.जै.धा.प्र.म. A1 1438| सिरियादे प्राग्वाट् ज्ञा. उकेशगच्छ श्री सिद्धसूरि | श्री महावीर अ.प.जै.धा.प्र.म. 1439 | कीन्हण देवी प्राग्वाट् ज्ञा. श्री सिरचन्द्र सूरि श्री आदिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 43 1439 | देलूण श्री माल ज्ञा. ब्रह्म श्री रत्नाकर सूरि | श्री महावीर अ.प.जै.धा.प्र.म. 57 44 1440 समरा श्री महावीर अ.प.जै.धा.प्र.म. 57 ओसवाल ज्ञा. ब्रह्माण श्री हेमतिलक सूरि श्री माल ज्ञा. | चैत्र श्री देवेन्द्र सूरि 45 1440 | दीलूण श्री सुमतिनाथ अ.प.जै.धा.प्र.म. 46 1440 झाजाजु श्री महावीर अ.प.जै.धा.प्र.म. मडाहडीय श्री सोमचंद्र सूरि मडाहडीय श्री सोमप्रभ सूरि 47 1441| कडू प्रा. ज्ञा. श्री महावीर अ.प.जै.धा.प्र.म. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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