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जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास
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| क्र.| संवत् श्राविका नाम |
वंश/गोत्र
अवदान
प्रेरक/प्रतिष्ठापक गच्छ/आचार्य
संदर्भ ग्रंथ
१४६६
शानी
श्री. ज्ञा.
श्री शीलरत्नसूरि | श्री सुविधिनाथ
वाल्हणदे
श्री सूरि
श्री आदिनाथ
भाही
श्री. ज्ञा.
नागेंद्र श्री गुणसमुद्रसूरि
श्री सुविधिनाथ
वही.
रूदी, जसमादे
उप ज्ञा.
श्री धर्मदेवसूरी
श्री चंद्रप्रभु
जे. जै. ले. सं. भा. २] ४५
श्रीयादे
पल्लि शांतिसूरी
श्री सुमति बिंब
| उप. ज्ञा. केकडिया
गोत्र सापुणगोत्र
वील्हणदे
श्रीमलचंद्रसूरी
श्री शांतिनाथ
हीमादे
सुराणा
धर्मघोष पद्मशेखरसूरि
श्री आदिनाथ
सीतादे
प्रा. ज्ञा.
पूर्णिमा श्री सर्वानंदसूरि
श्री संभवनाथ
जासू
ओशवंश ज्ञा.
अचल श्री सूरि
श्री चंद्रप्रभु
१४६३ कर्मादे, अणुपमदे
उप. ज्ञा.
श्री अमरचंद्रसूरि
श्री वासुपूज्य
देल्हादे
उपकेश. वंश
खरतर श्री जिनसागरसूरि
श्री मुनिसुव्रत
चांपू, देपू
उपकेश. वंश
श्री धर्मतिलकसूरि
श्री वासुपूज्य
कुमरी
फांफटिया गोत्र
धर्मघोष श्री विजयचंद्रसूरि
श्री वासुपूज्य
साल्ही
जाइलवाल
तपा. श्रीहेमहंसूरि
श्री सुविधिनाथ
झबकू, रोहिणी
ऊकेश. ज्ञा.
कोरंट श्रीसावदेवसूरि
श्री शांतिनाथ
वरजू
प्रा. ज्ञा.
श्री मुनिप्रभसूरि
श्री श्रेयांसनाथ
धणू
| नागर. ज्ञा. अलियाण,
मेरुतुासूर
श्री शांतिनाथ
वर्द्धमान
श्री वासुपूज्य
श्री जिनसागरसूरि श्रीजिनचंद्रसूरि
सहजाई
काष्ठासंघ
धातु के यंत्र पर
जे. जै. ले. सं. भा. २
कांऊ, कील्हणदे
नाणकीय
श्री शांतिसूर
श्री कुंथुनाथ
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