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________________ 21बस महावीरोत्तर-कालीन जैन श्राविकाएँ ई.पू. छठी शती से ई. सन की सातवीं शती संदर्भ ग्रन्थ सूची (अध्याय- ४) १. आचार्य हस्तीमलजी म. जैन धर्म का मौलिक इतिहास भाग २ प्राक्कथन प.४८-४६. २. साध्वी संघमित्रा, जैन धर्म के प्रभावक आचार्य प. ५७-५८. ३. सा. संघमित्रा, जै. ध. के. प्र. आ. प. ७५ ७६-८०. ४. सा. संघमित्रा, जै. ध. के. प्र. आ. प. १२५–१२६. ५.. वही प. १३०. ६. सा. संघमित्रा, जै. ध. के. प्र. आ. प. १४६-१४७. १४६. ७. साध्वी शिलापी, समय की परतों में प. २६-३०. ८. डॉ. ज्योतिप्रसाद जैन, प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरुष एवं महिलाएं, प. ५४. ६. सा. संघमित्रा, जै. ध. के. प्र. आ. प. १६. १०. पं. सिंहचंद्र जैन शास्त्री, तमिलनाडु में जैन धर्म एवं तमिल भाषा के विकास में जैनाचार्यों का योगदान, आस्था और चिंतन प. १८२. ११. समय की परतों में, साध्वी शिलापी, प. ३३-३४. आचार्य हस्तिमलजी म., जैन धर्म का मौलिक इतिहास भाग २. प. ७७८. आचार्य हस्तिमलजी म., जैन धर्म का मौलिक इतिहास भाग २. प. ३६६-४०२. १४. मंजीतसिंघ सोधी, मॉर्डन अपरोच टु हिस्ट्री ऑफ एनशेंट इंडिया प. ६७. १५. डॉ. ज्योतिप्रसाद जैन, प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरुष और महिलाएं प. ४०. ६. आचार्य हस्तिमलजी म., जैन धर्म का मौलिक इतिहास भाग २ प. ४३३. १७. मंजीतसिंध सोधी, मॉर्डन अपरोच टु हिस्ट्री ऑफ एनशेंट इंडिया प. ६६. १८. प्रो. मंजीतसिंध सोधी, मॉर्डन अपरोच टु हिस्ट्री ऑफ एनशेंट इंडिया प. १३१ १८१. १६. जैन डॉ. ज्योतिप्रसाद प्र.ऐ.जै.पु.म.प. २१६ २१६ २२१. सोधी प्रो. मंजीत, हिस्ट्री ऑफ एनशेंट इंडिया प. १८१. आचार्य महाप्राज्ञ. जैन परंपरा का इतिहास प. ६४-६५. २२. जैन अजित, शोधादर्श प. ३६-४४ मार्च २००० वी नि २५-२६. २३. सं. अमलानंद घोष, जैन कला एवं स्थापत्य खंड १ प. ७७-७६. २४. मध्य एशिया और पंजाब में जैन धर्म. प. ४४६ ४४८. २५. उत्तर भारत में जैन धर्म प. २१२-२१३. २६. मध्य एशिया और पंजाब में जैन धर्म. प. ४४८-४५०. २७. साध्वी संघमित्रा, जैन धर्म के प्रभावक आचार्य प. २०६. बोरडिया हीराबाई. जै. ध की. प्र. सा एवं म. प. १८१. २६. डॉ० हीराबाई बोरडिया, जैन धर्म की प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएं. प. १६५-१६६. ३०. जैन डॉ. ज्योति, प्र. ऐ. जै. पु. एवं म. प. ८५. ३१. दक्षिण भारत में जैनधर्म, पं. कैलाशचंद्र शास्त्री प. १० ५१-५२. डॉ. ज्योतिप्रसाद. प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरुष एवं महिलाएं प. ६२-६४. ३३. डॉ. ज्योतिप्रसाद. प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरुष एवं महिलाएं. प. ५६. सा. संघमित्रा, जै. ध. के. प्र. आ. प. ६६-७१. ३५. डॉ. ज्योतिप्रसाद. प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरुष एवं महिलाएं. प. २१८. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003610
Book TitleJain Shravikao ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages748
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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