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________________ प्राचीनाचार्य विरचित आराधनापताका में समाधिमरण की अवधारणा का समालोचनात्मक अध्ययन 79 28- न हु सुज्झई ससल्लो जह भणियं सासणे धूयरयाणं । उद्धरियसत्वसल्लो सुज्झइ जीवो धुयकिलेसो।। (प्राचीनाचार्यविरचित आराधनापताका,गाथा 218) राग- दोसाभिहया ससल्लतरणं मरंति जे मूढा। ते दुक्खस-7 बहुला भमंति संसारकतारं।। (वीरभद्राचार्यविरचित आराधनापताका,गाथा 330) 29- सव्वस्स समणसंघस्स भगवओ अंजलिं करिय सीसे। अवराह खामेमी तस्स पसायाभिमुह चित्तो।। (प्राचीनाचार्यविरचित आराधनापताका,गाथा 489) सव्वे अवराहपए खामेमि अहं, खमेउ मे भवयं । अहमवि खमामि सुद्धो गुणयंधायस्स संघस्स।। (वीरभद्राचार्यविरचित आराधनापताका,गाथा 435) 30 तो ते संघसमक्खं पच्चक्खाविंति खवगमाहारं। जाजीवं सागारं चउव्विहं वा वि तिविहं वा।। (प्राचीनाचार्यविरचित आराधनापताका,गाथा 542) पच्चखाविति तओ तं ते खवयं चउविहाहारं। संघसमवाय मज्झे चिइवंदण पुव्वयं विहिण ।। (वीरभद्राचार्यविरचित आराधनापताका,गाथा 431) जावज्जीवं तिविहं आहारं वोसिरिहि इमं खवओ। निज्जइओ आयरिआ संघस्स निवेयणं कुणइ ।। (वीरभद्राचार्यविरचित आराधनापताका,गाथा 428) 31- भवचरिमं पच्चक्खामि चउविहं अहव तिविहमाहारं। आगारचउक्केणं अन्नत्थिच्चाइणा सम्मं ।। (प्राचीनाचार्यविरचित आराधनापताका,गाथा 543/अ) तम्हा भवचरिमं सोपच्चक्खाहि ति तिविहमाहारं। उक्कस्सियाणि सव्वाणि तस्स दव्वाणि दंसिज्जा।। (वीरभद्राचार्यविरचित आराधनापताका,गाथा 416) परिहरसु तुमं सुपुरिस ! मिच्छं भवदुक्खमूलहेउमिणं । सम्मतराहणेणं तिविहं तिविहण जाजीवं ।। (प्राचीनाचार्यविरचित आराधनापताका,गाथा 573) संसारमूलवीयं मिच्छत्तं सव्वहा विवज्जेहि। सम्मत्ते दढचित्ते होसु नमुक्कारकुसलो।। (वीरभद्राचार्यविरचित आराधनापताका,गाथा 446) अग्गि-विस-किण्हसप्पाइयाणि दोसं न तं करिज्जा हु। जं तिव्वं मिच्छत्तं जीवस्स कुणइ महादोस।। (प्राचीनाचार्यविरचित आराधनापताका,गाथा 574) वि तं करेइ अग्गी नेय विसं नेय किण्ह सप्पो वि। जं कुणइ महादोसं तिव्वं जीवस्स मिच्छत्तं।। 32 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003609
Book TitleAradhanapataka me Samadhimaran ki Avadharna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji, Sagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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