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________________ 94 25. विशेषावश्यकभाष्य, 2675 26. उद्धृत नीतिशास्त्र का सर्वेक्षण, पृ. 360 27.-28. प्रवचनसारोद्धार ( टीका ), 149 / 942 29. स्थानांगसूत्र, 2/1/70 30. स्टडीज इन जैन फिलासफी, पृ. 268 31. उत्तराध्ययन, 29/1 32. देखिए - गोम्मटसार- जीवकाण्ड गाथा 29 की अंग्रेजी टीका, जे. एल. जैनी, पृष्ठ 22 33. नाटक समयसार, 13/38 34. उत्तराध्ययन, 28/31 35. आचारांग, 1/5/5/163 36. मूलाचार, 2/52-53 37. रत्नकरण्डकश्रावकाचार, 12 38. पुरुषार्थसिद्धयुपाय 23 39. रत्नकरण्डकश्रावकाचार, 13 40. वही, 22 41. पुरुषार्थसिद्ध्युपाय, 27 42. वही, 28 भारतीय आचार-दर्शन : एक तुलनात्मक अध्ययन 43. रत्नकरण्डकश्रावकाचार, 17 44. पुरुषार्थसिद्धयुपाय, 30 45. आत्मा छे, ते नित्य छे, छे कर्ता निजकर्म । भक्त वाणी मोक्ष, मोक्ष उपाय सुधर्म ॥ - आत्मसिद्धिशास्त्र, पृष्ठ 43 46. मज्झिमनिकाय, 1 /5/7 47. वही, 1/4 / 8 48. विसुद्धिमग्ग, भाग 1, पृ. 51 ( हिन्दी अनुवाद) 49. गीता, 17 / 13 50. वही, 4/ 40 51. वही, 17 / 2-4 52. वही, 7/20-23 53. गीता, 7/16 54. वही, 18 / 65-66 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003608
Book TitleBharatiya Achar Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages568
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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