SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 97
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भारतीय आचारदर्शन में ज्ञान की विधाएँ 95 7. भगवतीसूत्र, 18/6/44-46. तत्त्वार्थसूत्र, 1/9. 9. वही, 1/11-12. 10. वही, 1/14. 11. वही,9/45. 12. वही, 1/20 अंगुत्तरनिकाय, पृ. 2. 14. माध्यमिककारिका, 24/8. 15. देखिए-शंकर्स ब्रह्मवाद, पृ. 166-171. 16. ए क्रिटिकल सर्वे ऑफ इण्डियन फिलासफी, पृ. 59. 17. नयचक्र, उद्धृत-नयवाद, पृ. 36 18. विशेषावश्यकभाष्य, उद्धृत-नयवाद भूमिका, पृ. 2. 19. गीता, 4/16-17. 20. नैतिक-जीवन का सिद्धान्त, पृ. 184. अभिधानराजेन्द्रकोश, खण्ड 4, पृ. 1853. 22. वही. देखिए-आचरांग 1/5/6/171; तैतिरीयोपनिषद्, 2/9; मुण्डकोपनिषद्, 3/1/8; उदान, 8/1,3. 24. समयसार, 142 समयसारटीका, 69 समयसार, 8. 27. माध्यमिककारिका, 24/10. भगवद्गीता (रा.), पृ. 114. आभास और सत्; पृ. 480. 30. आगमयुग का जैन-दर्शन, पृ. 268-69. 31. समयसार, 141-142. वही, 7. 33. माध्यमिककारिका, 8 15-6; बौद्धदर्शनमीमांसा, पृ. 288. 34. देखिए-ब्रह्मसूत्रशांकरभाष्य अध्यास विवेचना, भामतीटीका सहित. 35. अभिधानराजेन्द्रकोश, खण्ड 4, पृ. 2056. 36. दर्शन और चिन्तन, खण्ड 2, पृ. 500. 37. मध्यमार्थसंग्रह, उद्धृत-दीसेण्ट्रल फिलासफीआफ बुद्धिज्म, पृ. 248. 32. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003607
Book TitleBharatiya Achar Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages554
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy