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कर्म का अशुभत्व, शुभत्व एवं शुद्धत्व
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17. जैन धर्म, प्र. 160. 18. दर्शन और चिन्तन,खण्ड 2, पृ. 226.
सूत्रकृतांग, 2/6/27-42.
सूत्रकृतांग, 1/1/24-29. 21. देखिए-अठारह पापस्थान,प्रतिक्रमण सूत्र. 22. अनुयोगद्वारसूत्र, 129.
दशवैकालिक,4/9. 24. सूत्रकृतांग, 2/2/4, पृ. 104.
दशवैकालिक, 611. सुत्तनिपात, 37/27.
धम्मपद, 129,131, 132. 28. गीता, 6/32. 29. महाभारत शांतिपर्व, 258/21.
महाभारत अनुशासन पर्व, 113/6-10 महाभारत अनुशासन पर्व, 113/6-10 सुभाषित संग्रहसे उद्धृत. नीतिशास्त्र कासर्वेक्षण, पृ. 268 पर उद्धृत. उत्तराध्ययनसूत्र, 28/14.
तत्त्वार्थसूत्र, 1/4. 36. इसिभासिर्यसुत्त,9/2.
समयसार, 145-146. प्रवचनसारटीका, 1/72. समयसारटीका, पृ. 207 सुत्तनिपात, 32/11. वही,32/38. गीता, 9/28.
वही, 2/50. 44. वही, 12/16.
भगवद्गीता (रा.), पृ. 56.
गीता,7/28. 47. एथिकल स्टडीज, पृ. 314. 48. वही, पृ. 342. 49. गीता, 4/16.
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