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जैन, बौद्ध और गीता के आचारदर्शनों का तुलनात्मक अध्ययन
जैन थ्योरीजआफ रीयलिटीएण्ड नॉलेज, पृ. 25-26.
विवेकचूड़ामणि, माया निरूपण. 19. शंकराचार्यकाआचारदर्शन, पृ. 16-17.
आप्तमीमांसा, 25. 21. स्टडीज इन जैन फिलासफी, पृ. 178. 22. शंकराचार्य काआचारदर्शन, पृ. 66-67.
वही, पृ. 62. (अ) तत्त्वार्थभाष्य, 1/35; (ब) अनुयोगद्वारसूत्र, 123. भारतीय दर्शन, खण्ड 1, पृ. 311. जैन थ्योरीज आफ रियलिटी ऐण्ड नॉलेज, पृ. 36 पर उद्धृत.
सूत्रकृतांग, 2/1/9. 28. दीघनिकाय, महासुदस्सनसुत्त.
आप्तमीमांसा, 40-41. युक्त्यनुशासन, 15-16.
अन्ययोगव्यवच्छेदिका, 18. 32. संयुत्तनिकाय, अव्याकृतसंयुत्त, आनन्दसुत्त.
संयुत्तनिकाय, निदानसंयुत्त, अचेलकस्सपसुत्त. 34. संयुत्तनिकाय, निदानसंयुत्त, लोकायतिकसुत्त.
संयुत्तनिकाय, निदानसंयुत्त, कच्चानगोत्तसुत्त.
विशेष द्रष्टव्य-माध्यमिककारिका, 1. 37. जैन सत्यप्रकाश, कार्तिक 1993, पृ. 619 पर सार्व सिद्धान्तनीजड़ (कापड़िया).
तत्त्वार्थसूत्र, 5/29. समयसार टीका, 2-3. उत्तराध्ययन, 28/14. तत्त्वार्थसूत्र, 1/4.
आत्मसाधनासंग्रह, पृ. 31 पर उद्धृत. 43. धम्मपद, 273.
अभिधम्मत्थसंगहो, पृ. 1. 45. सूत्रकृतांग, 2/5/12-29. 46. कांट्स सेलेक्शन, पृ. 368 47. नीतिशास्त्र कासर्वेक्षण, पृ. 45-46. 48. फण्डामेन्टल्स आफ इथिक्स, पृ. 357-359.
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